जनपद हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर में सर्दी के साथ-साथ घना कोहरा व तेज हवाएं चल रहीं हैं। इससे गेहूं की फसल पर बहुत खराब असर पड़ रहा है। कड़ाके की ठंड के कारण गेहूं की फसल में पत्तियां पीली होने लगी हैं, जिससे किसान चिंतित हैं। हालांकि सर्दी का प्रकोप कम होने पर यह दिक्कत कम हो जाएगी।
कृषि विभाग के वरिष्ठ प्राविधिक सहायक सतीश चंद्र शर्मा ने बताया कि इस समय वातावरण में तापमान में अधिक गिरावट आने के कारण पौधों की माइक्रोबियल गतिविधि धीमी हो जाती है। जिसके चलते पौधों में नाइट्रोजन का उठाव (अपटेक) कम हो जाता है। पौधे पत्तियों में उपलब्ध नाइट्रोजन को नाइट्रेट में बदल देते है।
उन्होंने बताया कि पौधों के पोषक तत्वों में नाइट्रोजन एक अत्यधिक गतिशील पोषक तत्व है, जो निचली पत्तियों से ऊपर की पत्तियों की ओर चला जाता है। जिससे गेहूं के पौधे की निचली पत्तियां पीली पड़ जाती हैं। इसे देख कर किसान काफी परेशान है।
उन्होंने बताया कि किसान इस समस्या को लेकर अधिक परेशान न हों, क्योंकि यह कोई रोग नहीं है। कुछ दिनों बाद तापमान में बदलाव आने पर यह समस्या खत्म हो जाएगी। यदि समस्या गंभीर हो गई है, तो फसल में दो प्रतिशत यूरिया का छिड़काव कर सकते हैं। इसके अलावा जिप्सम और यूरिया के मिश्रण का भी खेत में इस्तेमाल कर सकते हैं। अत्यधिक ठंड से फसल को बचाने के लिए हल्की सिंचाई भी की जा सकती है।