हापुड़। आरक्षण जारी होने के बाद जहां हापुड़, पिलखुवा और बाबूगढ़ के चैयरमैन अब चर्चा से ही बाहर हो गए हैं। वहीं गढ़ पालिका के चैयरमैन ने हैट्रिक लगाने के लिए पत्नी को चुनावी दंगल में उतारने का दावा कर दिया है।
2017 में हापुड़, पिलखुवा और गढ़ पालिका का अनारक्षित कर दिया गया था। इसके अलावा बाबूगढ़ नगर पंचायत भी अनराक्षित थी। पिलखुवा और हापुड़ से गीता गोयल तथा प्रफुल सारस्वत जीते थे जबकि बाबूगढ़ से जगवीर सिंह ने चुनाव जीता था।
परंतु गढ़ पालिका से अनारक्षित होने के बाद भी बसपा के सोना सिंह ने जीत हासिल की थी। परंतु आरक्षण जारी होने के बाद हापुड़ पिलखुवा और बाबूगढ़ में अब चैयरमैन चुनाव दंगल में नहीं उतर पाएंगे। जिसके चलते 2022 के चुनाव में तीन पालिका अध्यक्ष चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।
गढ़ पालिका से सोना सिंह ने सबसे पहला चुनाव समाजवादी पार्टी से जीता था। जिसके बाद बसपा में शामिल हो गए थे। उसके बाद 2012 में एससी महिला पर उनकी पत्नी सुमन सिंह बसपा से चुनाव लड़ी जो कांग्रेस की संगीता पुरुषोत्तम से हार गई थी। जबकि भाजपा से राम अवतार राजौरा की पत्नी तीसरे नंबर पर रही।
2017 में सोना सिंह बसपा से लड़े जिन्होंने भाजपा के विजय शर्मा के पारिजत कर दूसरी बार गढ़ पालिका का ताज अपने नाम किया। एससी महिला के लिए आरक्षित होने पर उन्होंने पत्नी को चुनाव लड़ाने का ऐलान कर दिया है।
जो पहले ही बसपा छोड सपा में शामिल हो गए है। सोना सिंह तीसरी बार जीतने के लिए मैदान में आने के लिए विकास कराए जाने तथा जीत कर बाकि बचे कार्यों को पूरा कराने का दावा कर रहे हैं।
जहां गढ़ में सोना सिंह पत्नी को उतार रहे हैं वहीं हरीश पुरुषोत्तम ने अपनी पत्नी पूर्व चैयरमैन संगीता पुरुषोत्तम को चुनाव लड़ाने का ऐलान कर दिया है। इसके अलावा हापुड़ में भाजपा से पूर्व चैयरमैन मालती भारती भी टिकट मांग रही है। जिन्होंने पीस पार्टी को हराया था और कांग्रेस की लज्जा रानी को पराजित किया था।