हापुड़ में पहली बार किसी स्कूल के बच्चों ने अंतरिक्ष को इतने नज़दीक से जाना। जेएमएस वर्ल्ड स्कूल आज अंतरिक्ष के अनंत तारों और आकाशगंगाओं को अपने परिसर में लेकर आया। सभी छात्रों को एक मोबाइल तारामंडल में ले जाया गया और उन्हें एक विस्तृत जानकारीपूर्ण लेकिन यादगार अनुभव कराया गया।
कक्षा प्री-नर्सरी से 12 तक 360° के अंतराल में शो शानदार प्रभावों, अवास्तविक ध्वनियों और जानकारी के रत्नों से भरे हुए थे। किंडरगार्टन के छात्रों ने अपने पसंदीदा अद्भुत कार्टूनों की मदद से अंतरिक्ष चमत्कारों के बारे में सीखा। कक्षा 1 से 12 तक के विद्यार्थियों को सौर मंडल एवं आकाशगंगा के बारे में गहनता से जानकारी दी गई। सभी विषयों को न केवल बताया गया बल्कि इस तरह से प्रदर्शित किया गया कि छात्त्रो ने वास्तव में शुक्र को बुध के पीछे दौड़ते हुए, सूर्य की कभी न खत्म होने वाली चमक, ग्रहण की घटनाओं और बहुत कुछ रहस्मयी घटनाओ काअनुभव किया।
यह अंतरिक्ष कथा भविष्य में भी जारी रहेगी। स्पेस ट्रैक कंपनी ने स्कूल के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किया है कि हर महीने इसरो का एक वैज्ञानिक स्कूल में आएगा और छात्रों को अंतरिक्ष और उसके रहस्यों के बारे में शिक्षित करेगा। अंतरिक्ष शिक्षा पर समाजका रुझान इसरो स्पेसएजेंसी द्वारा चांद्रायन 3 की भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा सफल लांचिंग के बाद से ज़्यादा बढ़ाहै सभी अभिभावक अपने बच्चों को डॉक्टर इंजीनियर या साइंटिस्ट बनाना चाहते है और हमारी नई शिक्षा नीति भी स्किल एंड एक्सपेरिएंशियल एजुकेशन पर ही आधारित है।
स्कूल के प्रबंध निदेशक डॉ आयुष सिंघल ने इस पर प्रसन्नता व्यक्त की और प्रिंसिपल डॉ निधि मलिक और सभी स्टाफ सदस्यों को बधाई दी। अंतरिक्ष शिविर उत्साह और उत्साह का माहौल लेकर आया। सुगंधित हवा ने छात्रों को ज्ञान और मनोरंजन से सराबोर कर दिया।