हापुड़ में जन्म से टेढ़े पैर लेकर जन्मे 18 बच्चों को नया जीवन मिला हैं। स्वास्थ्य विभाग ने समय रहते इनमें पांच की सर्जरी और 13 के पैरों पर प्लास्टर और ज्वाइंट सूज चढ़वाए हैं। कुछ ही महीनों में सभी बच्चे पूरी तरह स्वस्थ हो जाएंगे। जन्मजात टेढ़ेपन से पीड़ित 18 बच्चे अब अपने पैरों पर दौड़ सकेंगे, इससे उन्हें नया जीवन मिलेगा।
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य मिशन के तहत स्वास्थ्य विभाग की टीमें ने जिलेभर में सर्वे कर, ऐसे बच्चों को चिन्हित किया जो जन्म से ही टेढ़े पैर लेकर जन्मे हैं। पांच वर्ष के बाद इन बच्चों के पैर सही होना असंभव था। टीम ने दस्तोई निवासी दुर्लभ, बिजेंदर, हापुड़ निवासी अब्दुल, मन्नान, सलीम, परोरा निवासी अंशु गौरव, हापुड़ निवासी आशा, रिजवाना, मनीष, सिद्धार्थ, नामित, हिमांशी, सेनहरा, ऋतिक, बिलाल, अंजू, तैमूर को चिन्हित किया।
अनुष्का फाउंडेशन क्लब फुट की डॉ. रुपाली गुप्ता, डॉ.मयंक, डॉ. सौरभ, मोहम्मद मोनिस ने इन बच्चों का उपचार जिला अस्पताल में शुरू कराया। पांच बच्चों के पैरों की सर्जरी कर, उनके पैर सीधे किए गए। साथ ही 13 बच्चे ऐसे थे, जिनकी उम्र कम थी। इन बच्चों को प्लास्टर लगाया गया, इसी से इनके पैर आसानी से सीधे हो जाएंगे। कुल मिलाकर स्वास्थ्य विभाग की पहल से 18 बच्चों को अब दिव्यांगता का अभिशाप नहीं रहेगा। बल्कि वह समय आने पर अपने पैरों पर दौड़ सकेंगे। बच्चों के परिजन भी काफी उत्साहित हैं।
सीएमओ डॉ. सुनील त्यागी- ने बताया की राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य मिशन के तहत 18 बच्चों को नया जीवन मिला है, अब ये बच्चे अपने पैरों पर दौड़ सकेंगे। यदि इस समय उपचार नहीं होता तो जीवनभर उन्हें दिव्यांग बनकर रहना पड़ता। ऐसे अभिभावक बच्चों को लेकर सचेत रहें, विभाग को सूचना दें।