हापुड़। पेराई सत्र 2022-23 में चीनी मिलों को 27 अक्तूबर से चलाने की तैयारी है। लेकिन पिछले सत्र का अभी भी करीब 250 करोड़ रुपये भुगतान अटका हुआ है। अब नए सत्र का भुगतान फिर से पिछड़ेगा, वहीं किसानों की दीवाली भी फीकी ही रहेगी।
जिले के करीब 41 हजार हेक्टेयर रकबे में गन्ने की खेती की जा रही है। यहां का किसान मुख्यत सिंभावली और ब्रजनाथपुर शुगर मिल पर ही जाता है। लेकिन पिछले सत्र का अभी भी करीब 250 करोड़ रुपये का बकाया अटका हुआ है।
भाकियू जिलाध्यक्ष-पवन हूण ने बताया कि हर साल चीनी मिल किसानों का करोड़ों रुपये का भुगतान दबाकर बैठे रहते हैं।
जिला प्रशासन और गन्ना विभाग कोई ठोस कार्यवाही करने से बचता है, यदि कार्यवाही हो तो चीनी मिल समय से पहले भुगतान करें, किसानों से किए वादे पूरे नहीं किए जा रहे हैं।
हापुड़ डीसीओ-निधि गुप्ता ने बताया कि चीनी मिलों से लगातार भुगतान कराया जा रहा है। किसानों को परेशानी ना हो उसका भी ध्यान रखा जा रहा है।
रोजाना के भुगतान की स्थिति पर नजर है, आगामी सत्र में किसानों को कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी।