जनपद हापुड़ में बिजली के बिलों में मीटर रीडर खेल कर रहे हैं, उपभोक्ताओं के बिल में गलत रीडिंग भरकर मीटर रीडर अधिक बिल बना रहे। जिसमे 10 से 15 हजार के बिल दे रहे हैं। उपभोक्ता इस समस्या से परेशान हैं। अधिकारियों ने संबंधित एजेंसी को पत्र भी लिखा है।
जिले के तीनों डिवीजन में 2.90 लाख उपभोक्ता हैं, इनमें 90 फीसदी से अधिक को मीटर से ही सप्लाई मिल रही है। जिनका हर महीने रीडरों द्वारा बिल बनाया जाता है। लेकिन इन दिनों मीटर रीडर अपने कार्य में घोर लापरवाही बरत रहे हैं। एक से दो किलोवाट कनेक्शन वाले घरेलू उपभोक्ताओं को दस से 15 हजार के बिल भेजे रहे हैं। बिजली के बिलों में मीटर रीडर खेल कर फर्जीवाड़ा रहे हैं।
बिल की गणना को देखें तो इसमें रीडिंग 21 से 25 ही बन रही हैं जिनका बिल 200 से 300 रुपये बनता है। लेकिन डिमांड 20 किलोवाट से भी अधिक भरे जाने के कारण एक ही महीने का बिल दस हजार से भी ऊपर पहुंच रहा है। उपभोक्ता इस समस्या से परेशान हैं, कार्यालयों में ऐसी शिकायतों के अंबार लगे हैं। फुंके मीटरों की भी उपभोक्ताओं को जानकारी नहीं दे रहे, बल्कि आरडीएफ के बिल बना रहे हैं।
अधिकांश उपभोक्ता ऑनलाइन बिल जमा करते हैं। नियम के अनुसार मीटर रीडर को हर महीने उपभोक्ता के यहां जाकर रीडिंग लेनी होती है। रीडिंग लेने के बाद जब मीटर रीडर उपभोक्ता को बिल देता है, तभी यह बिल ऑनलाइन भी दिखने लगता है। लेकिन मीटर रीडर उपभोक्ताओं के यहां जाते ही नहीं है। तीन से चार माह में एक बार बिल देने के बाद मनमानी रीडिंग लेकर ऑनलाइन बिल जारी कर देते हैं। शिकायत करने पर भी मीटर रीडरों की मनमानी कम नहीं हो रही है।