जनपद हापुड़ में मोती कॉलोनी के पास तत्कालीन जेई और एसडीओ ने नियमों को ताक पर रख सीमेंट के खंभों पर हाईटेंशन लाइन खिंचवा दी। विद्युत सुरक्षा विभाग की टीम ने अपनी रिपोर्ट में इसे सही नहीं माना। अब मामला फिर से उजागर हुआ है, अधीक्षण अभियंता ने रिपोर्ट तलब की है।
ऊर्जा निगम में भ्रष्टाचार बढ़ रहा है, मोती कॉलोनी में वैसे तो उपभोक्ताओं को 200 से 300 मीटर लंबी दूरी के कनेक्शन दिए गए हैं। इस कॉलोनी में सैकड़ों परिवार रहते हैं, जिसका आज तक ऊर्जीकरण नहीं किया गया। लेकिन इस कॉलोनी के आगे कॉलोनाइजरों को फायदा पहुंचाने के लिए अधिकारियों ने एस्टीमेट से अलग कार्य किया।
लोहे के खंभे पर हाईटेंशन लाइन बनाने के आदेश हैं, लेकिन तत्कालीन एसडीओ और जेई ने नियमों को ताक पर रख, कॉलोनाइजर से मिलकर सिमेंट के खंभों पर ही हाईटेंशन लाइन खिंचवा दी। दिल्ली रोड बिजलीघर से जुड़ा यह मामला है, तत्कालीन अधिशासी अभियंता खुद भी एक बड़े घपले में फंस रहे थे, जिसके कारण उन्होंने इस मामले को ठंडे बस्ते में डलवा दिया, क्योंकि इसमें कार्यवाही होती तो दूसरे मामले भी उजागर हो जाते।
बहरहाल, इस प्रकरण में विद्युत सुरक्षा विभाग की टीम ने भी जांच की। नियम विरुद्ध कार्य मिला, इसकी रिपोर्ट डिवीजनल अधिकारियों को दी गई। फर्जीवाड़े की रिपोर्ट भी तैयार की गई, लेकिन तत्कालीन एक्सईएन ने इसे दबा दिया। फर्जीवाड़ा करने वाले आज भी बिजलीघर का चार्ज लिए बैठे हैं। हालांकि इस मामले ने फिर से तूल पकड़ा है, एसई कार्यालय को एक पत्र भी मिला है। जिसके बाद एसई ने इस मामले का संज्ञान लेकर, रिपोर्ट तलब की है। इसके अलावा कई अन्य मामलों की जांच भी अधर में लटकी है, जिसमें कार्यवाही हो सकती है।
अधीक्षण अभियंता यूके सिंह- ने बताया की नियम के विरुद्ध कार्य करने वालों पर सख्त कार्यवाही होगी। इस मामले संबंधी रिपोर्ट तलब की है, उच्चाधिकारियों को इसे प्रेषित किया जाएगा। जिन मामलों में जांच चल रही है, उनका भी संज्ञान लिया जाएगा।