जनपद हापुड़ के तापमान में गिरावट से बच्चे कोल्ड डायरिया की चपेट में आ रहे हैं। उन्हें उल्टी-दस्त के साथ बुखार की शिकायत है। निजी अस्पतालों के वार्डों में ऐसे दर्जनों बच्चे भर्ती हैं, सरकारी नर्सरी में भी तीन बच्चे डायरिया से पीड़ित भर्ती हैं।
तीन दिन में बदले मौसम से अब कोल्ड डायरिया बच्चों पर हावी हो गया है। कुछ खाते ही उल्टी लग रही है, दस्त से बच्चों का शरीर भी ठंडा पड़ रहा है।
न्यूनतम तापमान 15 डिग्री से नीचे पहुंचने पर अब धीरे धीरे डेंगू का असर कम हो रहा है। लेकिन सर्दी संबंधी रोग बढ़ने लगे हैं। निमोनिया का प्रकोप भी शुरू हो गया है, बच्चों की पसलियां चलने लगी हैं। दर्द से बच्चे चिल्ला रहे हैं, खाना पीना भी छोड़ रहे हैं।
सर्दी के इस मौसम में जैसे जैसे पारा नीचे गिर रहा है, बच्चे सर्दी, खांसी व कोड डायरिया की चपेट में आने लगे है। ठंड के मौसम में सबसे ज्यादा खतरनाक कोल्ड डायरिया है। सही समय पर इससे बचाव का उपाय कर बच्चों को सर्दी से बचाव किया जा सकता है।
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ.समरेंद्र राय ने बताया कि ठंड की चपेट में आने से बीमार पड़ रहे हैं। डायरिया के सबसे ज्यादा मरीज आ रहे हैं, कई में निमोनिया का असर मिल रहा है। छह महीने से पांच वर्ष की आयु तक के बच्चों को कोल्ड डायरिया का खतरा सबसे अधिक है।