जनपद हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर मे आज देवोत्थान एकादशी को लेकर तीसरे मुख्य स्नान पर मेला स्थल और ब्रजघाट में घाटों पर भीड़ उमड़ेगी। लाखों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाएंगे। जिसको लेकर प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है।
देवोत्थान एकादशी पर पिछले चार माह से क्षीर सागर में शयन कर रहे भगवान विष्णु जाग उठेंगे। आषाढ़ शुक्ल पक्ष की देव शयनी एकादशी को भगवान विष्णु क्षीर सागर में जाकर शयन करते हैं, जो चार माह बाद कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी को शयन स्थल से जागकर तुलसी से विवाह रचाते हैं। इस दिन को देवोत्थान एकादशी अथवा देव प्रबोधिनी एकादशी के नाम से ख्याति हासिल है।
भगवान विष्णु के चार माह तक शयनकाल में रहने से हिंदू धर्म में चार माह तक शादी और यज्ञोपवीत संस्कार जैसे मांगलिक कार्यों पर पूरी तरह रोक लग जाती है, जो देव प्रबोधिनी एकादशी को हटने पर ब्याह-शादियों की चढ़त में बैंडबाजों की धुन और शहनाई गूंज फिर से चालू हो जाती है। देवोत्थान एकादशी पर्व को लेकर आज (बृहस्पतिवार को) ब्रजघाट, खादर मेला स्थल समेत पूठ गंगा घाट पर लाखों श्रद्धालु गंगा में आस्था की डुबकी लगाएंगे। जिसको लेकर पालिका प्रशासन ने ब्रजघाट में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए गंगा में बेरिकेडिंग, नाविक और गोताखोर लगा दिए हैं। इसके अलावा घाटों के आसपास सफाई व्यवस्था दुरुस्त कराई गई है।
पालिका ईओ मुक्ता कुमारी सिंह का कहना है कि अधिक श्रद्धालुओं की भीड़ आने की संभावना है, श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए सभी व्यवस्था कर ली गई हैं। आरती स्थल पर खोया पाया केंद्र तैयार कर दिया है।