हापुड़ जिले में एक्यूआई खतरनाक स्तर पर है। इससे अनेकों बीमारियां फैल रही हैं। बीते कुछ दिनों से हवा का मिजाज इतना खरा है कि ऐसी प्रदूषित हवा में रहने से दिनभर में पांच सिगरेट पीने के बराबर धुआं फेफड़ों में पहुंच रहा है। शहर का प्रदूषण मापने का यंत्र आनंद विहार कलक्ट्रेट में लगा है, जबकि शहर में वहां के बजाय अधिक प्रदूषण है। आनंद विहार के आसपास के क्षेत्र का एक्यूआई रविवार को 200 के आसपास रहा।
फिजिशियन डॉ. असरफ अली ने बताया कि एक सिगरेट में 250 एक्यूआई के लगभग प्रदूषण होता है। इसके धुएं में कार्बन मोनोऑक्साइड, कार्बन डाई ऑक्साइड, नाइट्रोजन, एरोमेटिक कार्बन समेत अन्य खतरनाक गैसें होती हैं। यही तत्व शहर की दूषित हवा में हैं और बीते कुछ दिनों से शहर का औसत एक्यूआई भी इससे ज्यादा रहा है। अगर आप तहसील चौपला और मेरठ तिराहे के आसपास हैं तो प्रदूषण का स्तर और बढ़ जाता है।
अस्पताल की ओपीडी में सांस के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। मरीजों की सांस नलिकाओं में सूजन होने के साथ स्वस्थ लोगों को सूखी खांसी, छाती में जकड़न और सांस लेने में दिक्कत जैसी समस्या मिल रही है। जल्द सांस भी फूल रही है, इससे नींद पूरी नहीं होने से लोग चिड़चिड़े भी हो रहे हैं। चिकित्सकों के पास इन दिनों में मरीजों की संख्या 10 प्रतिशत तक बढ़ी है। बढ़ते प्रदूषण में गले की खराश, खांसी और नाक की एलर्जी लोगों को परेशान कर रही हैं।
एक्यूआई खतरनाक स्तर पर बना हुआ है, एनजीटी के कूड़ा न जलाने के सख्त आदेश हैं लेकिन, अब भी जगह-जगह कूड़ा जलाया जा रहा है। निर्माण सामग्री खुले में पड़ी है। इस प्रकार की गतिविधियों पर किसी प्रकार की रोक लगती नजर नहीं आ रही है। जिसके कारण संकट लगातार बरकरार है।