गढ़मुक्तेश्वर में कार्तिक मेलावधि के दौरान गंगानगरी ब्रजघाट में छठ महापर्व भी मनाया जाएगा। जो नहाय-खाय के साथ 17 नवंबर से शुरू होगा। जिसे लेकर पालिका समेत पुलिस-प्रशासन तैयारियों में जुटा हुआ है।
छठ महापर्व कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है, जो चार दिन तक चलता है। दिल्ली समेत आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले बिहार और पूर्वांचल राज्यों के लोग पिछले कई सालों से ब्रजघाट पहुंचकर श्रद्धापूर्वक छठ पर्व मनाते हैं। पंडित उमेश सेनरा ने बताया कि छठ पर्व को सूर्य छठ भी कहा जाता है, क्योंकि सूर्यदेव रोशनी के साथ ही ऊर्जा भी प्रदान करते हैं। जिससे वर्ष में एक बार विधि विधान से उनकी पूजा अर्चना हो जाती है।
चार दिनों तक चलने वाला यह महापर्व इस बार 17 नवंबर से नहाय-खाय के साथ प्रारंभ होगा। इस दिन व्रत रखने वाले गंगा जल समेत नदियों में डुबकी लगाकर चूल्हे पर आम की लकड़ी से खाना बनाएंगे, जिसमें देसी घी और सेंधा नमक प्रयोग होता है और इसी दिन छठ पूजा में इस्तेमाल होने वाली सारी सामग्री की खरीदारी भी की जाती है। व्रत का समापन 20 नवंबर को होगा।