जनपद हापुड़ में 600 करोड़ के घोटाले से 25 हजार नलकूप किसानों के बिल गड़बड़ा गए हैं। इन्हें अब तक ऑनलाइन भी नहीं किया जा सका है। पेनाल्टी माफी के लिए ओटीएस योजना लागू हुई है, लेकिन किसानों को इसका ऑनलाइन फायदा नहीं मिलेगा। बल्कि कार्यालयों में पहले मैनुअल ही किसानों के बिलों की गणना होगी। इसके बाद अंतिम बार बिल जमा किए जाने से लेकर अब तक की पेनाल्टी पर ही रियायत मिल सकेगी।
2004 से पहले नलकूप बिलों में घोटाला हुआ था। किसानों से पैसे जमा करा लिए गए, लेकिन यह पैसा राजस्व कोष में जमा नहीं किया। रसीदें भी नालों में बहा दी गई थी, तभी से इस घोटाले की जांच चल रही है लेकिन कोई राहत नहीं मिल सकी है।
कुल मिलाकर किसानों को ओटीएस का लाभ लेने के लिए पहले कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ेंगे। यहां तैनात कर्मचारी किसानों के पुरानों बिलों की स्थिति देखेंगे, अंतिम बार बिल जमा किए जाने से लेकर अब तक का बिल तैयार होगा, सिर्फ इसी पर लगा विलंब शुल्क माफ होगा। पिछला जैसा चल रहा है वह ऐसा ही चलता रहे।
जानकारों की मानें तो रसीदों का घोटाला 120 करोड़ का था लेकिन, बिलों का संशोधन नहीं होने के कारण पेनाल्टी बढ़ती गई, जिस कारण यह रकम अब बढ़कर 600 करोड़ हो गई है।
साल 2006 के करीब तत्कालीन अधिशासी अभियंता ने पेनाल्टी को हटाने का प्रयास किया था लेकिन, इसमें आरोप प्रत्यारोप के बाद फिर से हटाया विलंब शुल्क किसानों के खातों में जोड़ दिया गया। अधीक्षण अभियंता यूके सिंह ने कहा कि जिले के नलकूप किसानों को भी ओटीएस का लाभ दिलाया जाएगा।