हापुड़ में बृहस्पतिवार का दिन सबसे प्रदूषित रहा। एक्यूआई पहली बार 324 दर्ज किया गया। स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दोपहर बाद आसमान में छाई धुंध के पीछे सूर्यदेव भी छिप गए।आंखों में जलन और घुटन से लोग दिनभर परेशान रहे।
पिछले कुछ दिनों से जिले में प्रदूषण का स्तर ढाई सौ से ऊपर बना हुआ है। प्रदूषण का स्तर भले ही उतनी गंभीर स्थिति में न रहा हो, लेकिन आंखों में जलन लोगों को खूब परेशान कर रही है। बृहस्पतिवार को सुबह दस बजे के आसपास एक्यूआई 260 दर्ज किया गया, लेकिन इसके बाद वातावरण का मिजाज बदल गया।
सूर्य देव को धुंध ने पूरी तरह से अपने आगोश में ले लिया। हवा की सेहत और बिगड़ गयी। घरों में लोगों को सांस लेने में दिक्कत हुई और घुटन सी महसूस होती रही। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए लोग सड़कों पर मास्क लगाकर बाहर निकलते नजर आए। रात आठ बजे तक एक्यूआई 324 तक पहुंच गया। वहीं देर रात तक इसके और बढ़ने के आसार हैं।
वातावरण में अचानक धुंध बढ़ने का कारण विशेषज्ञ पराली का धुंआ बता रहे हैं। मौसम विज्ञानी डॉ अशोक कुमार ने बताया कि यह मौसम का असर नहीं है। आसपास के राज्यों में जलाई जा रही पराली के कारण ही अचानक से वातावरण प्रदूषित हुआ है। फिलहाल कोहरा नहीं है, लेकिन आने वाले दिनों में कोहरा पड़ेगा और हालत और गंभीर होंगे। प्रदूषण का स्तर और अधिक पड़ेगा और लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।