जनपद हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर में पिछले वर्ष के मुकाबले गंगा मेला करीब एक किलोमीटर गढ़ की तरफ बसेगा।एसडीएम ने मेला स्थल पर पहुंचकर किसानों को तेजी से फसल काटने के निर्देश दिए है। यदि समय से गन्ना नहीं काटा जाता है, तो मेले के दौरान परेशानी होना तय है।
गंगा खादर क्षेत्र में लगने वाले कार्तिक पूर्णिमा मेले के सिर्फ 27 दिन शेष रह गए हैं। लेकिन अभी तक सिर्फ 20 प्रतिशत ही गन्ने की फसल काटी गई है। यदि इस गति से कार्य होगा तो मेला स्थल पर खड़ी फसल पुलिस प्रशासन और जिला पंचायत के लिए दिक्कतों का सबब बनेगी।
बता दें कि गंगा की धारा इस बार गढ़ क्षेत्र की तरफ को बढ़ गई है, जबकि गत वर्षों में गंगा की जल धारा अमरोहा के तिगरी की तरफ होती थी, जिससे अधिकारियों को तैयारी करने के लिए खाली रेतीला मैदान मिल जाता था। लेकिन इस बार मेला करीब एक किलोमीटर पहले लगेगा। जहां चारों तरफ फसल खड़ी हुई है।
जिससे मेले में बनने वाले मेरठ, दिल्ली, हापुड़, बुलंदशहर, गाजियाबाद, नोएडा समेत अन्य सेक्टर में अस्थाई सड़को के निर्माण में परेशानी बनेगी। साथ ही दीपवाली के बाद श्रद्धालुओं के डेरे डलने शुरु हो जाएंगे, इसलिए मेले की तैयारी करने के लिए अधिकारियों को फसल कटवाना अति आवश्यक है।
गत वर्षों में जिस स्थान पर पार्किंग बनाई गई थी, वहां पर इस बार सदर सेक्टर बनेगा। क्योंकि गंगा की धारा गढ़ की तरफ है। इसलिए सदर सेक्टर, लाठी बाजार, मीना बाजार में जाने वालों को अधिक सफर नहीं करना पड़ेगा। वहीं पुलिस को पार्किंग के लिए आसपास में मौजूद खेतों को खाली कराना पड़ेगा।जिससे आसपास में खड़ी गन्ने की फसल पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों को सिर का दर्द बनेगी।
प्रशासन की माने तो वह कार्तिके मेले की तैयारी जोर शोर से कर रहा है। इसके लिए अधिकारियों को पूरी तरह से मुस्तैद कर दिया गया है। लेकिन अभी तक सिर्फ 20 प्रतिशत ही गन्ने की फसल काटी गई है। सवाल यह है कि अभी 27 दिन ही बचे हैं इतने कम समय में मेले की तैयारी कर पाना प्रशासन लिए काफी चौनूती पूर्ण होगा।