जनपद हापुड़ के गांव धौलाना में प्रशासन द्वारा निरस्त किए गए भूमि पट्टे का मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है। इस बीच एक कंपनी द्वारा उक्त पट्टे की सरकारी भूमि पर जबरन कब्जा कर निर्माण कार्य किया गया। जिसमें हाईकोर्ट ने प्रशासन से जवाब मांगा है।
कस्बा धौलाना निवासी गुलजार पुत्र कय्यूम ने बताया कि 26 वर्ष पूर्व तत्कालीन ग्राम प्रधान राजवती देवी की अध्यक्षता में 24 नंबर 1997 को कमेटी गठित हुई। जिसमें पचास से अधिक स्थानीय व बाहरी लोगों को भूमि हीन दर्शाकर पात्रता के आधार पर प्रस्ताव पारित कर पटटे आवंटित किए गए। जिन में उनके पिता कय्यूम पुत्र नूर इलाही को भी 17 दिसंबर 1997 को कृषि कार्य के लिए 0.4170 हेक्टेयर भूमि पट्टे के रूप में आवंटित हुई।
भूमि पर निरंतर उनका परिवार खेती करता रहा है। वर्ष 2005 में एडीएम वित्त एवं राजस्व न्यायालय ने पट्टा निरस्त कर दिया। इस मामले को उन्होंने हाईकोर्ट में चुनौती दी। उन्होंने बताया कि कुछ समय पहले अचानक कुछ भूमाफिया ने चाहरदिवारी कर उक्त भूमि समेत अन्य सरकारी भूमि भी एक कंपनी को बेच दी। जबकि निरस्त पट्टे की भूमि का मामला वर्तमान में भी हाईकोर्ट में विचाराधीन है।
हाईकोर्ट ने मामले में गंभीरता से संज्ञान लेते हुए सरकारी भूमि पर निर्माण करने पर चार सप्ताह में राज्य सरकार से जवाब मांगा है। वहीं एसडीएम धौलाना संतोष उपाध्याय ने कहा कि मामला गंभीर है। इस संबंध में आवश्यक जांच की जाएगी।