हापुड़ जिले के तीनों डिवीजन में लगे करीब 25 हजार नलकूपों को भरपूर बिजली मिलेगी। तीन महीने में ऊर्जा निगम के अधिकारियों ने 25 और 63 केवी क्षमता के 215 ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि करा दी है। गर्मियों से पहले ही जंगल के फीडर निर्बाध चलेंगे।
एक दशक पहले अधिकांश नलकूपों की मंजूरी 5 एचपी की थी। ऊर्जा निगम ने स्वतः ही इसे बढ़ाकर 7.5 एचपी कर दिया। ऐसे में 350 से अधिक ट्रांसफार्मर ओवरलोड हो गए। पिछले तीन महीने में 700 से अधिक ट्रांसफार्मर लो वोल्टेज और ओवर लोडिंग के कारण फुंके। हालांकि पिछले साल के मुकाबले इस साल फुंके ट्रांसफार्मर करीब 20 फीसदी कम हैं।
ऊर्जा निगम के अधिकारियों ने तीनों डिवीजन में लगे 25 और 63 केवी क्षमता के ओवरलोड ट्रांसफार्मरों का सर्वे कराया। इसमें 25 केवी क्षमता के 110 और 63 केवी क्षमता के 105 ट्रांसफार्मर ओवरलोड मिले। पहले चरण में कुल 215 ट्रांसफार्मर ओवरलोड थे। जिनमें 25 केवी क्षमता के ट्रांसफार्मरों की क्षमता बढ़ाकर 63 और 63 केवी क्षमता के ट्रांसफार्मरों को बढ़ाकर 100 केवी का किया गया। दूसरे चरण में करीब 120 ओवरलोड ट्रांसफार्मर चिन्हित किए गए हैं, जिनकी क्षमता वृद्धि का कार्य भी शुरू हो गया है। गर्मियों तक देहात अंचल के समस्त ट्रांसफार्मर ओवरलाड मुक्त हो जाएंगे। गर्मियों से पहले ही जंगल के फीडर निर्बाध चलेंगे। नलकूपों को भरपूर बिजली मिलेगी।
ग्रामीण अंचल में ट्रांसफार्मर फुंकने पर उसकी बदली 24 घंटे के अंदर करानी होगी। उपभोक्ता 1912 नंबर कॉल कर, शिकायत दर्ज करा सकते हैं। दर्ज शिकायतों की निगरानी अधिकारियों द्वारा कराई जाएगी।
ओवरलोड ट्रांसफार्मर से परेशान उपभोक्ता क्षमता वृद्धि के लिए अधीक्षण अभियंता कार्यालय पहुंच रहे हैं। किसानों की शिकायत पर बिजनेस प्लान का रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है। यदि इसमें ऐसे ट्रांसफार्मर शामिल नहीं हैं तो उन्हें फिर से जोड़ा जा रहा है।
अधीक्षण अभियंता यूके सिंह- ने बताया की गर्मियों तक देहात अंचल के समस्त ट्रांसफार्मर ओवरलाड मुक्त हो जाएंगे। 215 ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि कर दी गई हैं। अभी भी कार्य चल रहा है, चिंहित समस्त ट्रांसफार्मरों की क्षमता बढ़ाई जाएगी।