श्री रामलीला समिति के तत्वावधान में दिल्ली रोड स्थित रामलीला मैदान में चल रही लीला में गुरूवार को भरत आगमन, भरत मनावन, पादुका प्रदान और जयंत लीला का मनोहर मंचन किया गया। भरत मिलाप को देखकर मौजूद दर्शकों की आंखे नम हो गई।
शहर में रामलीला करने के लिए पहुंची श्री आदर्श रामलीला मंडली के निर्देशक और व्यास पवन देव चतुर्वेदी ने बताया कि पिता दशरथ मृत्यु का समाचार सुनकर भरत-शत्रुधन अपनी ननिहाल से वापस आते हैं।
जब भरत को प्रभु श्रीराम के वन गमन की जानकारी होती है तो वह इसका कारण जानकर हैरान हो जाते हैं। क्योंकि उनकी माता कैकई ने राजा दशरथ से मांगे गए दो वरदान में एक तो भरत को राजगद्दी और दूसरे में श्री राम को वन भेजने की जानकारी मिलने पर वह अपनी माता को खूब खरी-खोटी सुनाते हैं।
इसके बाद वह प्रभु श्रीराम को लेने के लिए अयोध्या से पंचवटी पहुंचते हैं। वहां पहुंचकर वह भगवान राम से आग्रहपूर्वक कहते कि आप अयोध्या की राजगद्दी संभाले। भगवान श्रीराम ने भरत सहित सभी से कहते हैं कि मैं वन से राजा दशरथ की आज्ञा से आया हूं और समाज को भयमुक्त करके ही अयोध्या लौटूंगा।
भरत ने प्रभु श्रीराम से कहा कि आप ऐसी कोई चीज दें जिसे रखकर मैं अयोध्या को चला सकूं। तब भगवान राम ने अपनी चरण पादुका भरत को दी। तब भरत ने ज्योतिषयों को बुलाकर चरण पादुकाओं को सिंघासन पर विराजित करके राज सिंघासन इस दौरान जयंत लीला का भी मंचन श्रीरामलीला समिति के तत्वावधान में बड़ा ही सुंदर मंचन किया गया।
रामलीला के दौरान विजेंद्र आदर्श बाल इंटर कॉलेज की छात्राओं ने नारी सशक्तिकरण पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारंभ श्री रामलीला समिति के प्रधान रविंद्र गुप्ता, महामंत्री विनोद वर्मा ने किया। छात्रा रेनू, खुशी, वंदना, नेहा, कनिष्का, तनीषा, ईशु, सपना, खुशी शर्मा ने कोमल है कमजोर नहीं, गीत पर नृत्य प्रस्तुत किया।
इसके अलावा उन्होंने भारत की बेटी गीत पर भी नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों का मनमोह लिया। छात्राओं को समिति द्वारा पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। इस दौरान कोषाध्यक्ष उमेश अग्रवाल, नवीन वर्मा, अनिल आजाद, नन्हेमल ठेकेदार, वीरेंद्र गर्ग, शुभम गोयल, विमल वर्मा, दीपक वर्मा आदि उपस्थित रहे।