जनपद हापुड़ में भगवान गजानन का जन्मोत्सव श्रीगणेश चतुर्थी पर्व इस वर्ष 19 सितंबर को मनाया जाएगा। इसको लेकर घरों में तैयारी शुरू हो गई है। लाभामृत चौघड़िया और चतुर्थी तिथि में सुबह 10.50 बजे से दोपहर 1.40 बजे तक गणेश पूजन का शुभ मुहूत रहेगा, जिसमें गणपति को मोदक का भोग लगाया जाएगा।
गणेश चतुर्थी का पर्व हर साल धूमधाम से मनाया जाता है। भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से इस उत्सव की शुरुआत होती है और अनंत चतुर्दशी पर इसका समापन होता है। गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश समेत देश के तमाम हिस्सों में इस पर्व को धूमधाम से मनाया जाता है। इस साल गणेश चतुर्थी 19 सितंबर को पड़ रही है यानी इसी दिन से गणेश उत्सव की शुरुआत हो जाएगी।
गणेश चतुर्थी के दिन बप्पा के भक्त उन्हें ढोल-नगाड़ों के साथ धूमधाम से घर पर लाते हैं और उनकी स्थापना करते हैं. इस बीच गणपति बप्पा की सेवाभाव से पूजा-अर्चना वगैरह की जाती है। घर पर लेकर आते हैं और स्थापना करते हैं। भगवान गणेश को बुद्धि, विवेक, धन धान्य, रिद्धि सिद्धि का कारक माना जाता है। मान्यता है कि भगवान गणेश को प्रसन्न करने से घर में सुख, समृद्धि और शांति की स्थापना होती है।
19 सितंबर को सुबह 9.18 से 10.49 बजे तक यमघंट योग बन रहा है, इस योग में शुभ कार्यो को वर्जित बताया गया है। इसलिए इस दौरान गणपति पूजा न करें। दोपहर 1.42 बजे तक ही चतुर्थी तिथि रहेगी, इससे पूर्ण ही पूजा शुभ रहेगी। सुबह 10.50 से दोपहर 1.40 बजे तक लाभ और अमृत की चौघड़िया और चतुर्थी तिथि में गणपति पूजा करना शुभ रहेगा।