जनपद हापुड़ में राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए भूमि अधिग्रहण और भुगतान की लचर व्यवस्था ने हापुड़ में गन्ने का रकबा घटा दिया है। तीन साल के अंदर करीब 4500 हेक्टेयर रकबा कम हुआ है, इससे गन्ना उत्पादकता भी 30 लाख क्विंटल तक घट गई है। भुगतान की व्यवस्था अभी भी बदहाल है, ऐसे में किसानों का मोह इस फसल से छूट रहा है।
हापुड़ जिले के गन्ने पर ही चार मुख्य चीनी मिल निर्भर हैं, इसमें हापुड़ के सिंभावली और ब्रजनाथपुर चीनी मिल सबसे अधिक गन्ना आपूर्ति कराते हैं। जबकि मोदीनगर, नंगलामल चीनी मिल पर भी यहां के किसानों का गन्ना जाता है। अनामिका चीनी मिल भी कुछ गांवों में अपना क्रय केंद्र लगाता है। हापुड़ के दोनों चीनी मिलों के भुगतान की स्थिति को देंखे तो सत्र 2022-23 का अभी भी 200 करोड़ से अधिक पैसा दबाए हुए हैं।
यही कारण है कि किसान दूसरी फसलों की ओर बढ़ रहे हैं। छोटे किसान चीनी मिल के चक्कर में न पड़कर शुरूआत में क्रेशरों पर ही गन्ना सप्लाई कर देते हैं। जिनका उन्हें नकद भुगतान मिल जाता है और गेहूं बुवाई के लिए खेत भी खाली हो जाते हैं।
किसान संगठन, चीनी मिल के अधिकारियों की बैठक तत्कालीन डीएम अनुज सिंह की अध्यक्षता में हुई थी। इसमें चीनी मिलों ने हर महीने 70 करोड़ का भुगतान करने का वादा लिखित में किया था। जिसमें सिंभावली मिल को हर महीने 50 करोड़ और ब्रजनाथपुर मिल को 20 करोड़ का भुगतान करना था। लेकिन दोनों ही मिल इस लक्ष्य को पूरा करने में भी पिछड़ रही हैं।
अक्तूबर महीने में मिल चल जाते हैं, तभी से ही गेहूं की बुवाई भी शुरू होती है। लेकिन शुरूआत में चीनी रिकवरी को ध्यान में रखते हुए मिल किसानों को पर्चियां समय से जारी नहीं करते। जिस कारण खेत खाली न होने से गेहूं की बुवाई नहीं हो पाती। इस कारण भी किसान गन्ने की फसल से मुंह मोड़ रहे हैं। जिले में चीनी मिल 20 अक्तूबर से शुरू हो सकती हैं। इसके लिए मिलों में मरम्मत का कार्य शुरू हो गया है। हालांकि अभी गन्ने में चीनी रिकवरी के लिए सर्वे शुरू नहीं हुआ है।
तीन साल के अंदर करीब 4500 हेक्टेयर रकबा कम हुआ है, इससे गन्ना उत्पादकता भी 30 लाख क्विंटल तक घट गई है।
तीन सालों में गन्ना क्षेत्रफल और उत्पादन की स्थिति:
वर्ष रकबा उत्पादन प्रति हेक्टेयर
2021 42847 830.36 क्विंटल
2022 41946 851.16 क्विंटल
2023 38346 _
जिला गन्ना अधिकारी सना आफरीन खान- ने बताया की जिले के किसानों को गन्ने की उत्तम प्रजातियों के बारे में जागरूक किया जा रहा है। साथ ही रकबा बढ़ाने के लिए भी अपील कर रहे हैं। जिले में फिर रिकॉर्ड गन्ना उत्पादन होगा, इसका पूरा प्रयास है।