जिले में शहर में चलने वाले ई-रिक्शों ने ट्रैफिक सिस्टम को पूरी तरह फेल कर दिया है। बिना पंजीयन सड़कों पर दौड़ रहे ई-रिक्शा के कारण जगह-जगह जाम लग जाता है। इनके लिए कोई भी रूट तय नहीं किया जा सका है। यातायात पुलिस भी कार्यवाही नहीं कर पा रही है।
शहर व आसपास के क्षेत्रों में पांच हजार ई-रिक्शा हैं। वहीं परिवहन विभाग के मुताबिक शहर में करीब 3200 ई-रिक्शा का पंजीकरण है। शहर में करीब तीन हजार से अधिक ई-रिक्शे संचालित हैं। शहर में ऑटो और टैक्सी के लिए चौराहों से कुछ दूरी पर स्टैंड तय किए हैं, लेकिन ई-रिक्शा के लिए कोई भी पार्किंग स्थल नहीं बना है। ई-रिक्शा चालक जहां चाहते हैं, वहीं से सवारियां भरना शुरू कर देते हैं। इससे यातायात व्यवस्था पर बुरा असर पड़ रहा है। यातायात पुलिस भी ई-रिक्शों को रूट के मुताबिक संचालित करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है।
रोडवेज बसों या अन्य डग्गामार वाहनों के रुकने पर कई ई-रिक्शा चालक चारों तरफ से घेरकर यात्रियों को रिक्शे में बैठाने की कोशिश करते हैं। इससे बस स्टेंड मेरठ रोड, तहसील चौपला, अतरपुरा चौपला, रोडवेज बस अड्डा, दिल्ली रोड, पक्का बाग सहित अन्य स्थानों पर बड़ी संख्या में ई-रिक्शा दिखाई पड़ते हैं। जिससे अक्सर जाम लगता रहता है, और जगह जगह जाम की स्तिथि बनी रहती है।
यातायात प्रभारी अमित सिंह का कहना है कि जल्द ही अभियान चलाकर बिना पंजीकरण दौड़ रहे ई-रिक्शा के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी और और रुट तय किया जाएगा।