जनपद हापुड़ में स्वास्थ्य विभाग को निजी अस्पतालों से डेंगू के पांच संदिग्ध मरीजों के नमूने मिले हैं। जिनका एलाइजा टेस्ट कराया जा रहा है। अब तक 11 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। ब्लड प्लेटलेट्स गिरने से ब्लड बैंकों में रक्त की मांग बढ़ गई है, ए और बी पॉजिटिव रक्त की कमी बनी हई है।
हर साल की तरह बरसात के बाद डेंगू सक्रिय हो गया है। प्राइवेट अस्पतालों के वार्ड बुखार के मरीजों से भरे पड़े हैं। सीएचसी और जिला अस्पताल की ओपीडी में भी रोजाना 500 से ज्यादा बुखार के मरीज आ रहे हैं। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का दावा है कि अधिकांश मरीजों को वायरल और टाइफॉयड हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने निजी अस्पतालों को अपने स्तर से डेंगू की पुष्टि न करने के आदेश दिए हैं। ऐसे में संदिग्ध मरीजों का पहले विभाग एलाइजा टेस्ट करा रहा है।
जिला अस्पताल में ही इसकी सुविधा है, लैब अब तक 11 मरीजों में पुष्टि कर चुकी है। शुक्रवार को पांच अन्य मरीजों के सैंपल भी जांच के लिए आए हैं। बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। जिला अस्पताल और सीएचसी की ओपीडी में शुक्रवार को 3254 मरीजों में 767 बुखार के मरीजों को बुखार था, हालांकि विभाग का दावा है कि इनमें किसी को मलेरिया, डेंगू नहीं मिला। अधिकांश को वायरल बुखार था।
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ.समरेंद्र राव ने बताया कि बच्चे वायरल बुखार की चपेट में आ रहे है। वायरल बुखार से पीड़ित बच्चों को 104 डिग्री तक बुखार हो रहा है। दवा देने के बावजूद बुखार नहीं उतर रहा। बुखार को ठीक होने पर सात से दस दिन लग रहे हैं। ऐसे में बच्चो को सात से दस दिन वायरल बुखार में तड़पना पड़ रहा है।
हापुड़ सीएमओ डॉ.सुनील त्यागी- ने बताया की जिले में डेंगू के मरीजों की जांच के लिए एलाइजा टेस्ट की सुविधा है। रेपिड जांच के लिए किट भी मुहैया करा दी गई हैं। अस्पतालों में संचारी वार्ड तैयार हैं, मरीजों को , परेशानी न हो, इसका ध्यान रखा जा रहा है।