हापुड़ में गंगा एक्सप्रेसवे जिले में औद्योगिक गतिविधियों को गति देने का नया जरिया बनेगा। शासन की मंशा के अनुसार हर जिले में एक्सप्रेसवे के किनारे कम से कम एक औद्योगिक गलियारा बनाए जाने की योजना का हापुड़ में भी क्रियान्वयन शुरू हो गया है।
गढ़ में गढ़ स्याना रोड के पास इंटरचेंज के स्थान पर इसके लिए 11 हेक्टेयर भूमि चिन्हित कर ली गई है, जिसका प्रस्ताव शासन को भेजा जा रहा है। शासन से हरी झंडी मिलने के बाद उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) इस भूमि के अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर देगा। यहां स्थापित होने वाली इकाइयों को प्रशासन की ओर से हर सुविधा मुहैया कराई जाएगी।
दिल्ली, हरियाणा और नोएडा जैसे जिलों के निवेशकों की रुचि हापुड़ जैसे जिलों में होना किसी से छिपा नहीं है। औद्योगिक क्षेत्रों के विकसित होने के साथ निवेशक परियोजनाओं के प्रस्ताव दे रहे हैं। शासन की मंशा है कि हर जिले में एक्सप्रेसवे के किनारे के मिनी उद्योगों को स्थापित करने के लिए औद्योगिक कॉरिडोर विकसित किए जाएं। हर जिले में कम से कम एक एक ऐसा गालियारा हो। मेरठ के बाद हापुड़ में एक्सप्रेसवे पर उतरने चढ़ने की सुविधा स्याना रोड के पास होगी।
यूपीडा के भूअर्जन अधिकारी नरेंद्र सिंह ने बताया कि गंगा एक्सप्रेसवे जिले के 29 गांवों से होकर गुजर रहा है। एक्सप्रेसवे के दायरे में ऐसी भूमि खोजी जा रही थी, जहां एक्सप्रेसवे से लिंक बेहतर हो। जो मिनी उद्योग लगाने के लिए उपयुक्त हो। एक्सप्रेस वे से बेहतर कनेक्टिविटी के साथ दूसरी जरूरी सुविधाओं को भी ध्यान में रखा जा रहा है। इसे देखते हुए हापुड़ में गढ़ के गांव बाहपुर खेड़ा के पास यह औद्योगिक गलिहारा बनाने का निर्णय लिया गया है। यहां एक्सप्रेसवे पर स्याना रोड के पास उतार चढ़ाव दिया गया है।
फिलहाल यहां बेहतर कनेक्टिविटी को देखते हुए यूपीडा ने 11 हेक्टेयर भूमि चिन्हित की है। इस भूमि पर उद्योगों को विकसित किया जाएगा। इसके अलावा मेरठ में बिजौली में भी इसी प्रकार का गलिहारा बनाया जा रहा है। इसके बाद हापुड़ में बनेगा। फिलहाल बुलंदशहर में उपयुक्त भूमि न मिलने के कारण यहां भूमि को चिन्हित नहीं किया जा सका है।