हापुड़ जिले में स्वास्थ्य विभाग के सरकारी अस्पताल में मरीजों के अल्ट्रासाउंड सिर्फ डेढ़ घंटा हो रहे हैं। सुबह साढ़े दस बजे के बाद मशीन की प्रौब बदल दी जाती है, जिससे सिर्फ गर्भवतियों के अल्ट्रासाउंड होते हैं। अन्य रोगों से पीड़ित मरीजों को सुविधा नहीं मिलती।
जिले की 13 लाख आबादी को स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए स्वास्थ्य विभाग पर सिर्फ एक ही अल्ट्रासाउंड मशीन लगी है, जो काफी पुरानी हैं। गढ़ रोड सीएचसी पर यह मशीन लगाई गई है। इसे चलाने के लिए दो रेडियोलॉजिस्ट हैं। लेकिन अधिकांश समय गर्भवतियों की जांच में ही व्यतीत होता है।
सामान्य मरीजों के लिए सुबह 9 से साढ़े 10 बजे तक का ही समय रखा गया है। ऐसे में पहली बार आने वाले मरीजों को पर्चा काउंटर से पर्चा बनवाने, फिर कतारों में लगकर घंटों खड़े रहने के बाद मायूस लौटना पड़ता है। पांच से सात दिनों की वेटिंग भी मिलती है। पेट दर्द व अन्य रोगों से परेशान मरीज कराहते हुए पहुंचते हैं, लेकिन प्रौब बदल देने की बात कह चिकित्सक उनके अल्ट्रासाउंड से इन्कार कर देते हैं।
बता दें कि निजी सेंटरों में अल्ट्रासाउंड का चार्ज बेहद अधिक है। ऐसे मे गरीब मरीजों को वहां अल्ट्रासाउंड कराना मुश्किल हो जाता है। फिर भी अधिकारी उनकी समस्या पर ध्यान नहीं देते। ऐसे में मायूस मरीजों को निजी सेंटरों का सहारा लेना पड़ता है। मजबूरन मरीजों को निजी सेंटरों में जाकर जेब ढीली करनी पड़ती है, जिला बनने के बाद से अन्य मशीनों की भी व्यवस्था नहीं कराई जा सकी है। जिला अस्पताल में भी इन मशीनों की सुविधा नहीं है।
सीएचसी अधीक्षक डॉ. दिनेश खत्री- ने बताया की अस्पताल में गर्भवती महिलाएं बड़ी संख्या में पहुंचती हैं। सुबह साढ़े 10 बजे से उन्हीं के अल्ट्रासाउंड किए जाते हैं, इससे पहले सामान्य मरीजों के अल्ट्रासाउंड होते हैं। मरीजों का समय से नंबर लगे, इसका पूरा प्रयास रहता है।