जनपद हापुड़ में वित्तीय वर्ष में जिला घरेलू उत्पाद की बेहतर स्थिति रहने के कारण जन परिवार प्रति व्यक्ति आय में सुधार हुआ है। हापुड़ में पिछले तीन साल में प्रति व्यक्ति आय 90737 से बढ़कर 113653 रुपये वार्षिक हो गई है। प्रति व्यक्ति आय के मामले में हापुड़ मंडल में भले ही चौथे स्थान पर हो, लेकिन छोटा और एनसीआर क्षेत्र में होने के कारण अधिकारी इसे बेहतर मान रहे हैं।
प्रति व्यक्ति आय के मामले में गौतमबुद्धनगर और मेरठ पहले व दूसरे नंबर पर हैं, जबकि गाजियाबाद तीसरे स्थान पर है। कोरोना महामारी ने देश के साथ जनपद की अर्थव्यवस्था को खासा प्रभावित किया। कितने ही लोगों की नौकरी और कारोबार चौपट हो गए। जिले में भी हजारों लोग इससे प्रभावित हुए। लेकिन अब सुधार सामने आ रहे हैं। कोरोना काल के दौरान वर्ष 2019- 20 में प्रति व्यक्ति आय घटकर 90737 रह गई थी।
जबकि इससे पहले यह करीब एक लाख के करीब थी। लेकिन पिछले तीन वर्षों में हापुड़ में औद्योगिक गतिविधियां बढ़ी। इस अवधि में स्वास्थ्य, शिक्षा, आर्थिक एवं सामाजिक क्षेत्र में तेजी से सुधार हुआ। इसके अलावा विकास और आय का विवरण असमान कम करने पर भी जोर दिया गया। क्षेत्रीय विकास को आगे बढ़ाने की योजनाएं तैयार की गई।
प्रति व्यक्ति आय किसी देश में रहने वाले व्यक्तियों की औसत इनकम होती है। इसे कैलेकुलेट करने के लिए हम उस देश के जीडीपी को उसकी कुल आबादी से भाग कर देते हैं। इसके बाद जो संख्या सामने आता है वो ही प्रति व्यक्ति आय कहलाती है।
एडीएम संदीप कुमार- का कहना है की पिछले दो तीन वर्षों में सभी जिलों के साथ हापुड़ ने भी उबरने का प्रयास किया है। अर्थ व्यवस्था को दुरुस्त करने में विभिन्न सरकारी योजनाएं कारगर साबित हुई हैं। विकास का पहिया लगातार घूम रहा है। जिला औद्योगिक हब के रूप में आकार ले रहा है, यह सब उसी का परिणाम है।