जनपद हापुड़ में आई फ्लू का असर बढ़ता जा रहा है। ठीक होने के बाद भी मरीजों की आंखों से धुंधला दिख रहा है। कई मरीजों की आंखों में जख्म भी मिल रहे हैं। नेत्र रोग विभाग की ओपीडी में ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ी है।
नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. अतुल आनंद ने बताया कि आई फ्लू का सफल इलाज है। सही दवाओं से पांच से सात दिन में बीमारी ठीक हो रही है। लेकिन घरेलू उपचार से आंखों की हालत बिगड़ रही है। जो मरीज झोलाछापों से इलाज करा रहे हैं या झाड़ फूंक करा रहे हैं उनकी आंखों की हालत खराब हो रही है। कई मरीजों की आंखों में जख्म भी मिल रहे हैं।
शुक्रवार को भी ओपीडी में 450 से अधिक मरीज आए, इनमें बहुत से मरीज ऐसे हैं जो धुंधला दिखने की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं। ऐसे मरीजों को उपचार दिया जा रहा है, आंखों को देर तक मसलने और साफ सफाई नहीं रखने वालों के साथ भी इस तरह की समस्याएं आ रही हैं।
उधर, अस्पतालों की ओपीडी में बिना चश्मा लगाए ही आई फ्लू के मरीज पहुंच रहे हैं। ऐसे मरीजों से दूसरों में भी बीमारी फैल रही है। अगर आप किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आते हैं तो आपको यह वायरस हो सकता है। यह वायरस संक्रमित व्यक्ति की आंखों से निकलने वाले आंसुओं के संपर्क में आने से या संक्रमित व्यक्ति के खांसी के दौरान छींकने से भी संक्रमण फैल सकता है। बता दें कि नेत्र रोग विभागों में आने वाले मरीजों में 90 फीसदी से अधिक आई फ्लू वाले ही हैं।
शुक्रवार को गढ़ रोड सीएचसी में 245 और जिला अस्पताल की ओपीडी में 205 मरीज आए। आई फ्लू के कारण स्कूलों में भी 10 से 15 फीसदी उपस्थिति घटी हैं, बच्चों की पहले एक आंख लाल पड़ती है। इसके बाद दोनों आंखों में ही संक्रमण का अटैक हो रहा है। सोने के बाद आंख चिपकना, आंखों में सूजन प्रमुख लक्षण बन रहे हैं।
सीएमओ डॉ.सुनील त्यागी- ने बताया की आई फ्लू को लेकर घबराए नहीं, स्वास्थ्य विभाग के पास पर्याप्त आई ड्रॉप हैं। दवाओं से ही मरीज आसानी से ठीक हो रहे हैं। सावधानी जरूर बरतें, चश्मा लगाकर रहें। संक्रमित लोगों से दूरी बनाएं।