जनपद हापुड़ में जिले में शाकभाजी, मसाला, फूल और बागवानी की खेती को बढ़ावा मिलेगा। उद्यान विभाग इन खेती पर 50 फीसदी तक अनुदान देगा। बूढ़े हो चुके बागवानी का जीर्णोद्धार होगा। विभाग के पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन मांगे जा रहे हैं।
हापुड़ में बड़े पैमाने पर गन्ने की खेती होती है, भुगतान में देरी किसानों को आर्थिक तंगी में डाल रही है। ऐसे में दूसरी फसलों से किसान मुनाफा कमा सकते हैं। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत फल क्षेत्र विस्तार प्रस्तावित है।
भारत एक कृषि प्रधान देश है, इसलिए यहाँ कृषि को बहुत अधिक महत्त्व दिया जाता है। उत्तर प्रदेश की समृद्ध जैव विविधता एवं कृषि जलवायु परिस्थितियां विभिन्न प्रकार की औद्यानिक फसलों के उत्पादन हेतु सर्वथा उपयुक्त है। प्रदेश में औद्यानिक फसलों यथा-फल, शाकभाजी, मसाले, आलू, पुष्प, औषधीय एवं सुगंधित पौधे आदि के अन्तर्गत व्यापक क्षेत्र है।
30 हेक्टेयर रकबे में आम, अमरूद, पपीता, ड्रेगन फ्रूट की बागवानी लगाई जानी है, जिस पर किसानों को 50 फीसदी अनुदान मिलेगा। पुष्प क्षेत्र विस्तार को बढ़ावा देने के लिए 30 हेक्टेयर रकबे में गेंदा, रजनीगंधा, ग्लेडियोलस लगाने का लक्ष्य मिला है, इस फसल पर 40 फीसदी अनुदान मिलेगा।
शाकभाजी में पत्तागोभी, फूलगोभी, टमाटर, लौकी, तोरई, करेला, शिमला मिर्च, खीरा की बुवाई 205 हेक्टेयर में होना है, इस पर 40 फीसदी अनुदान की व्यवस्था है। मसाला क्षेत्र विस्तार योजना के तहत मिर्च, प्याज, लहसुन को बढ़ावा देने के लिए 245 हेक्टेयर का लक्ष्य मिला है, इस पर किसानों को 40 फीसदी अनुदान मिलेगा।
बागों के जीर्णोद्धार का 5 हेक्टेयर लक्ष्य मिला है, जिस पर 50 फीसदी अनुदान है। इससे बागवानी को बढ़ावा मिलेगा। किसान विभाग के पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर, योजना का लाभ उठा सकते हैं।
जिला उद्यान अधिकारी डॉ. हरित कुमार ने बताया कि किसान ऑनलाइन आवेदन कर योजना में शामिल हो सकते हैं। मसाला, शाकभाजी और बागवानी की खेती मुनाफा का सौदा होंगी। विभाग को लक्ष्य मिल चुका है।