जनपद हापुड़ में निजी स्कूल अभिभावकों से मोटी रकम वसूलने के बाद भी बच्चों की सुरक्षा को लेकर बेपरवाह बने हुए हैं। बिना फिटनेस दौड़ रहे 44 स्कूली वाहनों ने आरटीओ के नोटिस के बाद भी फिटनेस नहीं कराई, लेकिन इसके बाद भी ये वाहन सड़कों पर धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं। एआरटीओ अब बीएसए और डीआईओएस के साथ मिलकर कार्यवाही करने की तैयारी में हैं।
जिले में कुल 447 स्कूली वाहन पंजीकृत हैं। परिवहन विभाग द्वारा चलाए गए अभियान में इनमें से 44 वाहन फिटनेस में फैल पाए गए। इनमें अधिकतर वाहनों के पास बीमा, फर्स्ट एड किट, अग्निश्मन यंत्र, आपातकालीन नंबर गायब मिले। 44 स्कूली वाहन बिना फिटनेस कराए ही सड़क पर दौड़ रहे हैं।
इसके बाद परिवहन विभाग ने वाहन संचालकों को नोटिस भेजकर फिटनेस प्रमाण पत्र लेने के लिए कहा। लेकिन वाहन संचालकों ने इसमें कोई रूचि नहीं दिखाई। जिसके बाद वाहनों का पंजीयन निरस्त कर दिया गया। इसके बाद भी खटारा स्कूली वाहन बच्चों की जान के साथ खिलवाड़ करते हुए सड़कों पर दौड़ रहे हैं।
स्कूलों द्वारा बच्चों को लाने ले जाने के लिए जो वाहन प्रयोग किए जाते हैं, उनमें मानकों की पूरी तरह से अनदेखी रहती है। फिटनेस समाप्त हो जाने के बाद भी इस ओर ध्यान नहीं दिया जाता। स्कूल के वाहन के लिए जो भी मानक व नियम निर्धारित किए गए हैं उनकी धज्जियां पूरी तरह से उड़ी हुई नजर आती है।
स्कूल संचालक भी अभिभावकों से मोटी रकम वसूलने के बाद भी खटारा वाहनों का संचालन करा रहे हैं। परिवहन विभाग अब डीआईओएस व बीएसए के साथ मिलकर स्कूल संचालकों पर कार्यवाही करेगा।
एआरटीओ प्रवर्तन रमेश चौबे का कहना है कि बीएसए और डीआईओएस को खटारा वाहन संचालन कराने वाले स्कूलों की सूची भेज जाएगी। इसके बाद भी अगर स्कूल संचालकों द्वारा खटारा वाहनों का संचालन किया जाता है तो सख्त कार्यवाही की जाएगी।