जनपद हापुड़ में पॉश कॉलोनियों में भी आई फ्लू ने दस्तक दे दी है, बड़ी संख्या में लोग इसकी चपेट में हैं। आंखें चिपक रही हैं, जलन से मरीजों का बुरा हाल है। चेहरे पर भी सूजन आ रही है। कई परिवार पूरी तरह से चपेट में हैं, तीन दिन के अंदर सरकारी अस्पतालों में 1442 मरीज चिन्हित हो चुके हैं, जिन्हें स्वस्थ होने पर सात से दस दिन का समय लग रहा है।
जिले भर में अचानक आंखों के मरीजों की संख्या बढ़ी है। शहर के लगभग सभी मोहल्लों और गांवों में आई फ्लू के मरीज देखे जा रहे हैं। आई फ्लू के मरीज बढ़ने से अस्पतालों में मरीजों की भीड़ भी बढ़ने लगी है। नेत्र रोग विभाग में आई फ्लू के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं। तीन दिन में ही प्रतिदिन की ओपीडी ढाई गुना तक बढ़ गई है। सीएचसी में 180 से 200 और जिला अस्पताल में 120 से 150 मरीज प्रतिदिन पहुंच रहे हैं। 80 फीसदी से अधिक में आई फ्लू की पुष्टि हो रही है।
नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. अतुल आनंद ने बताया कि इस बार का आई फ्लू सामान्य नहीं है। पहले तीन से पांच दिन में यह ठीक हो जाता था, अब इसे सही होने पर दस दिन तक का समय लग रहा है। उपचार में लापरवाही से आंखों की रोशनी पर असर पड़ सकता है। इसलिए इसके उपचार में लापरवाही कतई न बरतें।
उधर, आई फ्लू को लेकर सीएमओ कार्यालय निगरानी शुरू कर दी गई है। डॉ. राकेश को इसका नोडल बनाया है। तमाम सीएचसी पर उपलब्ध आई ड्रॉप के प्रतिदिन का रिकॉर्ड लिया जा रहा है। हेल्थ वेलनेस सेंटर और उप स्वास्थ्य केंद्रों पर भी आई ड्रॉप भेजने की तैयारी है।
बच्चे इसके अधिक शिकार हो रहे हैं। इसलिए परेशानी होने पर उन्हें स्कूल न जानें दें। जिससे अन्य बच्चों में संक्रमण न फैले। क्योंकि बच्चे बड़ों की तरह एहतियात नहीं बरत सकते।आई फ्लू एक से दूसरे मरीज में तेजी से फैल रहा है। ऐसे में समस्त स्कूलों को निर्देशित किया है कि बीमारी को लेकर सावधान रहें जो बच्चे आई फ्लू से संक्रमित हैं उन्हें स्वस्थ बच्चों से अलग ही रखा जाए। बच्चे भी चश्मा लगाकर स्कूल आ रहे हैं।
सीएचसी अधीक्षक डॉ. दिनेश भारती- का कहना है की खांसी का सीरप वेयर हाउस में ही उपलब्ध नहीं है। वहीं आई ड्रॉप की पूर्ण व्यवस्था है, आंखों के मरीजों को ही सिर्फ आई ड्रॉप दी जा रही है।