जनपद हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर में मंगलवार की सुबह यलो अलर्ट के निशान को पार करने के बाद शाम को गंगा के जलस्तर कम हुआ है। लेकिन जंगलों और रास्तों में गंगा का पानी पहुंच गया है, जो ग्रामीणों के लिए परेशानी का कारण बना हुआ है। वहीं आने वाले दिनों में भारी बारिश की आशंका से ग्रामीण परेशान है।
गढ़-ब्रजघाट क्षेत्र में गंगा के जलस्तर में उतार-चढ़ाव का सिलसिला जारी है। सोमवार की शाम बिजनौर बैराज से डिस्चार्ज करीब एक लाख 37 हजार क्यूसेक के क्षेत्र में पहुंचने के बाद मंगलवार की सुबह ब्रजघाट गंगा में उफान के चलते गंगा का जलस्तर यलो अलर्ट के निशान को पार करते हुए 198.80 मीटर (समुद्र तल से) तक जा पहुंचा था।
गंगा के उफान को बढ़ता देख खादर क्षेत्र के गांव कुदैनी, शाकरपुर, अब्दुलापुर, रामपुर न्यामतपुर, भगवंतपुर समेत अन्य गांवों में रहने वाले किसानों की चिंता भी बढ़ने लगी। लेकिन शाम चार बजे तक एक बार फिर जलस्तर में गिरावट आई। सुबह से शाम तक जलस्तर 14 सेंटीमीटर नीचे पहुंच गया। जो शाम चार बजे 198.66मीटर के निशान पर दर्ज किया गया है।
गंगा के उफान की ओर बढने से खादर क्षेत्र के जंगल, रास्तों और आबादी के बीच भरा पानी जलस्तर घटने के बाद भी कम नहीं हो सका है। कुदैनी, गंगानगर समेत तटीय गांवों के संपर्क मार्गों पर एक से दो फुट तक पानी भरा है। गांव वालो को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जिससे क्षेत्रवासियों को आवागमन में भी परेशानी हो रही है।
बाढ़ नियंत्रण कक्ष मेरठ के अनुसार मंगलवार की शाम से बिजनौर बैराज से करीब एक लाख 83 हजार क्यूसेक डिस्चार्ज किया जा रहा है। वहीं आगामी दिनों में भारी बारिश की भी संभावना है, जिससे जलस्तर बढ़ेगा।
तहसीलदार सीमा सिंह ने बताया कि उच्चाधिकारियों के निर्देश पर बाढ़ राहत शिविरों को चिन्हित किया है। जिनमें सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त की जा रही हैं। गंगा का जलस्तर अभी रेड अलर्ट से काफी दूर है, जिसके कारण फिलहाल बाढ़ की संभावना नहीं है।