जनपद हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर में बरसात के कारण ब्रजघाट गंगा का जलस्तर बढ़ता जा रहा है। बृहस्पतिवार को जलस्तर 198.75 मीटर दर्ज किया गया। निचले जंगल समेत रास्तों पर पानी भरने से आवागमन बाधित होना शुरू हो गया है।
बुधवार की शाम से बृहस्पतिवार की शाम तक जलस्तर में 13 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। जिससे जलस्तर 198.62 मीटर से बढ़ कर 198.75मीटर तक पहुंच गया है। इस समय गंगा बाढ़ के निशान से महज 58 सेंटीमीटर नीचे बह रही है।
गंगा में पानी ने उग्र रूप धारण कर लिया है। गंगा में उफान आने से खादर क्षेत्र के गांव जलमग्न हो गए हैं। खेतों में पानी भरने से फसलें नष्ट हो गईं हैं। गंगा के उफान को देखते हुए खादर के गांवों के ग्रामीण दहशत में हैं। वहीं पानी भरने से आवागमन बाधित होना शुरू हो गया है। बाढ़ नियंत्रण कक्ष मेरठ के अनुसार बृहस्पतिवार की दोपहर भी बिजनौर बैराज से एक लाख 97 हजार 729 क्यूसेक डिस्चार्ज किया गया है।
भगवंतपुर, नयागांव के जंगल में ग्रामीणों ने बूढ़ी गंगा पर कच्चा बांध बनाया था। जो गंगा का जलस्तर बढने से टूटना शुरू हो गया। जिसकी सूचना मिलते ही दर्जनों ग्रामीणों ने एकत्र होकर कच्चे बांध की मरम्मत शुरू कर दी है। ताकि पानी बरसाती नाले से होकर गुजर सके।
एडीएम ने किया खादर क्षेत्र का दौरा बाढ़ की संभावना के मद्देनजर बृहस्पतिवार को एडीएम संदीप सिंह, एसडीएम अंकित कुमार वर्मा ने खादर क्षेत्र के नयागांव, इनायतपुर, गडावली समेत अन्य गांवों का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने खादर क्षेत्र के गांवों के जंगल में पानी की स्थिति देखी और ग्रामीणों से वार्ता भी की।
वहीं तहसीलदार सीमा सिंह ने भी खादर क्षेत्र का भ्रमण कर बाढ़ चौकियों को निर्देश दिए। तहसीलदार सीमा सिंह ने बताया कि अभी भी बाढ़ की संभावना कम है। इसके बावजूद प्रशासनिक स्तर से सभी तैयारी पूरी कर ली गई हैं। राजस्व टीम, स्वास्थ्य विभाग समेत अन्य विभाग पूरी तरह अलर्ट हैं।