जनपद हापुड़ में दस्तोई रोड पर बने 33 करोड़ के जिला अस्पताल (100 बेड) में 16 विशेषज्ञ चिकित्सक नियुक्त है। लेकिन संसाधनों की कमी के कारण ये चिकित्सक सिर्फ जुकाम, बुखार की दवाएं ही लिख रहे हैं। बीते छह साल में अस्पताल को सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड, एक्सरे मशीनें, नहीं मिली हैं। गंभीर रोगियों को सुविधा नहीं मिल रहीं।
स्वास्थ्य विभाग को जिला अस्पताल हैंडओवर होने के दौरान शासन से करीब 19 विशेषज्ञ चिकित्सक मिले थे। जिसमें तीन ने इस्तीफा या स्थानांतरित हो चुके हैं। वर्तमान में 16 विशेषज्ञ चिकित्सक हैं, जो गंभीर रोगियों का इलाज करने में सक्षम हैं।
लेकिन जिला अस्पताल की सुविधाओं पर इन दिनों गौर करें तो जिस तरह एमबीबीएस चिकित्सक उपचार सेवा देते हैं, ऐसे ही विशेषज्ञ चिकित्सक भी दे रहे हैं। जिन मरीजों की सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड की जरूरत होती है, उन्हें जिला अस्पताल से करीब पांच किलोमीटर दूर स्थित सीएचसी भेज दिया जाता है।
ऐसे मरीज लौटकर वापस इस अस्पताल में नहीं आते, क्योंकि आने-जाने में ही उसके 100 से अधिक रुपये खर्च हो जाते हैं। जिला अस्पताल को 100 एमए क्षमता की एक्सरे मशीन मिली है जो मरीजों की जांच के लिए पर्याप्त नहीं है। इसे चलाने के लिए एक्सरे टेक्नीशियन भी नहीं है। ऐसे में मरीजों को सीएचसी भेजना ही विकल्प है।
जिला अस्पताल में ओपन सर्जरी हो रही हैं, पूरे जिले में यहां ऑपरेशन के लिए एक ही सर्जन हैं। दूरबीन से ऑपरेशन की सुविधा नहीं है, जिस कारण मरीज दूसरे जिलों के अस्पतालों का सहारा लेते हैं। क्योंकि ओपन सर्जरी से मरीज घबराते हैं।
शासन हर महीने लाखों रुपये चिकित्सकों के वेतन और सुविधाओं पर खर्च कर रहा है। लेकिन गंभीर रोगियों को यहां बेहतर इलाज नहीं मिल रहा। सही मायने में कहें तो इस अस्पताल को रेफर सेंटर बना दिया है जहां से गंभीर मरीजों को रेफर करना ही विकल्प होता है।
जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ.प्रदीप मित्तल ने बताया की सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड मशीन के लिए पत्राचार किया जा चुका है। मशीनें मिल जाएं तो मरीजों को बेहतर सुविधाएं मिल सकती हैं। अस्पताल आने वाले हर मरीज को बेहतर उपचार दिया जा रहा है।