जनपद हापुड़ में बढ़ते तापमान को देखते हुए फीजिशियन अस्पतालों की ओपीडी में डायरिया के मरीज भी पहुंचने लगे हैं। भीषण गर्मी लोगों की सेहत बिगाड़ रही है। गर्मी के कारण डायरिया और गैस्ट्रोइंटाइटिस के बाद लिवर और गुर्दे फेल होने का खतरा बढ़ गया है। स्वास्थ्य विभाग की डायलिसिस यूनिट में रोजाना 18-20 मरीजों की डायलिसिस हो रही है।
डॉ. प्रदीप मित्तल ने बताया कि अस्पतालों की ओपीडी में आने मरीजों में से करीब 30 फीसदी मरीज पेट की समस्या लेकर पहुंच रहे हैं। पेट दर्द से मरीज कराह रहे हैं, बीमार होने वालों में बच्चों की संख्या अधिक है। इन रोगियों की आंतों में संक्रमण हो रहा है और डायरिया, खूनी डीसेंटरी व गैस्ट्रोइंटाइटिस की वजह से शरीर में पानी और नमक की कमी हो रही है।
प्राइवेट अस्पतालों की इमरजेंसी में ऐसे 20-30 मरीज रोज भर्ती हो रहे हैं। इमरजेंसी में भर्ती ऐसे मरीजों की संख्या निजी अस्पतालों में अधिक हैं। डायरिया के बाद लिवर और किडनी फेल होने वाले मरीज भी बढ़े हैं। ऐसे अधिकांश मरीज बाहर के अस्पतालों में ही उपचार करा रहे हैं। लिवर फेल के रोगियों में शराब की हिस्ट्री मिल रही है।
हापुड़ सीएमओ डॉ. सुनील त्यागी- ने बताया की गर्मी का प्रकोप बढने के साथ ही आंत के संक्रमण और डायरिया के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। अस्पतालों में ऐसे मरीजों के लिए पर्याप्त दवाएं हैं। गुर्दा रोगियों की संख्या बढने पर डायलिसिस यूनिट के स्टाफ को सख्त निर्देश दिए गए हैं।