जनपद हापुड़ में आयुष्मान योजना के तहत अस्पतालों में भर्ती मरीजों का अब गलत तरीके से स्वीकृति नहीं मिलेगी। अब अप्रूवल मुख्यालय से ही मिल रहा है। मरीज नई व्यवस्था से परेशान हो रहे। किसी भी छोटी सी गलती से भी उनका अप्रूवल अटकाया जा रहा है।
गरीब मरीजों को पांच लाख रुपये तक का निशुल्क स्वास्थ्य उपचार दिलाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना शुरू की गई थी। जिले में 2.60 लाख आयुष्मान कार्ड धारक है शुरूआत में अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों का अप्रूवल स्थानीय अधिकारियों द्वारा दिया जाता था। लेकिन कुछ ही महीने पहले पोर्टल बदल दिया गया है, इसके बाद से जिला स्तर से होने वाले इस कार्य को अब मुख्यालय से ही किया जा रहा है।
आयुष्मान योजना में अस्पतालों में भर्ती मरीजों को अब गलत तरीके से स्वीकृति नहीं मिलेगी। प्रदेशभर में इस तरह के मामले सामने आने के बाद अब शासन ने यह अधिकार जिला स्तर से छीन लिया है। अब साध मुख्यालय ही स्वीकृति दी जा रही है। इस व्यवस्था के बाद से बहुत से मरीजों की परेशानियां भी बढ़ गई हैं।
क्योंकि अस्पताल में भर्ती होने के दौरान उनके गोल्डन कार्ड में दर्ज नाम की स्पेलिंग और आधार कार्ड में लिखे नाम की स्पेलिंग में यदि एक शब्द भी अलग है तो शासन से उनका अप्रूवल अटका दिया जा रहा है। ऐसे मरीजों के तीमारदार सीएमओ कार्यालय के चक्कर लगाते घूम रहे हैं। दोबारा से उनके कार्ड बनाने के लिए आवेदन कराया जा रहा है।
उधर, श्रमिकों की परेशानियां भी कम नहीं हो रही हैं। क्योंकि उनके कार्ड अभी तक बनने शुरू नहीं हुए हैं। 2.60 लाख लोगों के सापेक्ष स्वास्थ्य विभाग 2.10 लाख कार्ड बना चुका है। पैनल में शामिल प्राइवेट अस्पतालों में कार्ड धारक मरीज उपचार पा रहे हैं।
हापुड़ सीएमओ डॉ.सुनील त्यागी का कहना है की आयुष्मान योजना में शामिल पात्रों को किसी तरह की परेशानी नहीं होने दी जाएगी। अप्रूवल अब मुख्यालय से ही मिल रहा है, पात्र मरीजों के साथ यदि इस तरह की कोई परेशानी आ रही है तो उसका निस्तारण कराने के बाद उपचार दिलाया जा रहा है।