जनपद हापुड़ में गर्मी के देखते हुए इस बार 23 मई से स्कूलों में ग्रीष्मकालीन अवकाश के आदेश हुए हैं। लेकिन इसके बाद भी निजी स्कूल मनमानी कर रहे हैं। ऐसे में बच्चों की तबीयत भी बिगड़ रही है।
बेसिक और माध्यमिक शिक्षा परिषद से जुड़े स्कूलों में ग्रीष्मकालीन अवकाश हो चुका है। सभी स्कूल 23 मई से बंद कर दिए गए हैं, अब एक जुलाई से कक्षाएं चालू होनी हैं। बीएसए और डीआईओएस ने सभी स्कूलों को भीषण गर्मी के चलते छुट्टियां करने के आदेश दिए थे। लेकिन इसके बाद भी निजी स्कूल मनमानी कर रहे हैं।
गर्मी को देखते हुए बीएसए और डीआईओएस के आदेशानुसार 23 मई से स्कूलों में ग्रीष्मकालीन अवकाश हो चूका है। लेकिन इस आदेश को ठेंगा दिखाते हुए निजी स्कूलों में प्रतिस्पर्धा शुरू हो गई है, जिसमें कोई भी स्कूल दूसरे से पहले छुट्टियां करना नहीं चाहता।
इसका खामियाजा बच्चों को उठाना पड़ रहा है। मंगलवार को 43 डिग्री तक तापमान पहुंच गया। भीषण गर्मी में भी नर्सरी से कक्षा 12वीं तक के छात्रों को बुला रहे हैं, दोपहर में डेढ़ बजे छुट्टी हो रही है। ऐसे में दोपहर को जब छुट्टी हुई तो बच्चे गर्मी से तिलमिला उठे। हाथ में पानी की बोतल लेकर प्यास बुझाते रहे, किसी को ई- रिक्शा से जाना था तो किसी को अन्य ट्रांसपोर्ट से छुट्टी के दौरान शहर में जाम भी लग गया, ऐसे में बच्चे झुलसती गर्मी से परेशान होते रहे।
डीआईओएस पीके उपाध्याय- ने बताया की स्कूलों में ग्रीष्मकालीन अवकाश के आदेश दिए गए निजी स्कूल आदेश का पालन नहीं करेंगे तो सख्त कार्यवाही होगी। ऐसे स्कूलों को अंतिम चेतावनी दी गई है, निरीक्षण कर कार्यवाही की जाएगी।