जनपद हापुड़ जिले में किडनी के रोगी बढ़ रहे हैं। 35 साल की उम्र में ही गुर्दे साथ छोड़ रहे हैं। डायलिसिस यूनिट में इस आयु वर्ग के करीब 40 फीसदी मरीज भर्ती हैं। रोजाना 18 से 20 मरीजों की डायलिसिस हो रही है। जबकि 20 से अधिक प्रतीक्षारत हैं।
35 की उम्र में ही किडनी धोखा दे रही हैं। ऐसे में मरीजों को खून के लिए मरीजों को लंबी दौड़ लगानी पड़ रही है। गर्मी शुरू होने के साथ ही नए मरीज आने लगे हैं। स्वास्थ्य विभाग की एक मात्र डायलिसिस यूनिट में प्रतिदिन करीब 18 से 20 मरीजों की डायलिसिस हो रही है, जबकि इतने ही मरीज वेटिंग में लगे हैं।
गांव दत्तियाना निवासी सुखवीर सिंह को पेशाब संबंधी परेशानी हुई। शुरूआत में ध्यान नहीं दिया, जिससे समस्या बढ़ती गई। जांच कराने पर पता चला कि उनकी किडनी 70 फीसदी तक खराब हो चुकी है, फिलहाल उनका इलाज मेरठ के एक अस्पताल में चल रहा है। आदर्शनगर निवासी 35 वर्षीय आयुष के कमर में कई दिन से दर्द था। जांच में किडनी संबंधी परेशानी मिली, अब उसे डायलिसिस की जरूरत पड़ रही है।
फिजिशियन डॉ. प्रदीप मित्तल ने बताया कि जिले में उपचार पा रहे मरीजों की स्टडी में एक ही समानता मिली है। लंबे समय तक दर्द निवारक और एंटीबॉयोटिक दवाओं का प्रयोग करने वाले मरीजों में इस तरह की समस्या अधिक बढ़ी है। गर्मियों में डिहाइड्रेशन भी किडनी संबंधी समस्या का बड़ा कारण बन रहा है।
हापुड़ सीएमओ डॉ. सुनील त्यागी- ने बताया की किडनी संबंधी रोगियों को जिले में डायलिसिस की सुविधा मिल रही है। जल्द ही ब्लड बैंक की सौगात भी मरीजों को मिलेगी, इसकी तैयारी चल रही हैं।