जनपद हापुड़ में मरीजों में इन्फ्लुएंजा एन एच 1 जैसे लक्षणमिल रहे है। बुखार के साथ सूखी खांसी ने लोगों को परेशान कर रखा है। खांसी के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
मरीजों में खासी वायरल की तरह फैल रही है। बुखार के साथ मरीजों की सुखी खासी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले 40 दिन में लोग आठ करोड़ रुपये के सीरप पी गए हैं।
जिले के सभी सरकारी अस्पतालों की बात करें तो पिछले 40 दिन में करीब आठ करोड़ रुपये के सीरप वितरित किए गए हैं। सीरप का टोटा होने के कारण अब अस्पतालों में मात्र मरीजों को टेबलेट ही दी जा रही हैं। मरीजों से सीरप को लेकर बहाना बनाया जा रहा है।
अब अस्पतालों में खांसी के सीरप का कमी बताई जा रही है। कमी होने के कारण कुछ अस्पतालों में ही सीरप बचा हुआ है। अधीक्षकों ने दवाओं की उपलब्धता को लेकर पत्राचार किया है।
एच-3, एन-2 इन्फ्लूएंजा के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। लोग जांच भले ही न करा रहे हों, लेकिन बुखार खांसी से पीड़ित लोगों में इस प्रकार के लक्षण ही मिल रहे हैं। हापुड़ में भी इस रोग के लक्षण वाले मरीजों की भरमार है। बताया जा रहा है कि जिस मरीज को खांसी जकड़ रही है वह दो से तीन सप्ताह तक भी स्वस्थ नहीं हो पा रहा है।
लोगों की खासी दम उखाड़ देने वाली खासी बन रही है खांसते हुए छाती और पेट दुख रहे हैं, गले में खराश भी राहत नहीं मिलने दे रही है। सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में 70 फीसदी से अधिक मरीज इन रोगों के हैं।
आलम यह है कि एक महीने के अंदर सबसे ज्यादा खांसी का कफ सीरप, एंटी एलर्जिक, एंटी बायोटिक दवाओं की सबसे अधिक खपत हुई है। सबसे अधिक ओपीडी वाले सीएचसी हापुड़ को गत माह नौ हजार कफ सीरप आवंटित हुए थे, जो अब खत्म होने की कगार पर हैं।
हापुड़ सीएमओ डा. सुनील त्यागी- ने बताया की पिछले कुछ दिनों में खांसी के सीरप की खपत बढ़ी है। हालांकि जिले के अस्पतालों में दवाओं को लेकर रोजाना रिपोर्ट ली जा रही है, कफ सीरप समेत जिन दवाओं की खपत अधिक है, उनकी डिमांड भेजी जा रही है। किसी को भी दवाओं की कमी नहीं होगी।