जनपद हापुड़ में बुखार से पीड़ित बच्चों के गले और मुंह में छाले बन रहे हैं। इससे बच्चे खाना पीना भी छोड़ रहे हैं। खाना पीना छोड़ने से बच्चे कमजोर हो रहे है। ओपीडी में आने वाले एक फीसदी बच्चों को भर्ती करने की भी जरूरत पड़ रही है।
जनपद में वायरल बुखार के चलते अस्पतालों की ओपीडी में रोजाना ऐसे 70 से 80 मरीज पहुंच रहे हैं। बच्चों के गले और मुंह में छाले पड़ रहे हैं। जिससे बच्चों को दर्द से राहत नहीं मिल रही।
सीएचसी के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ.समरिंदर राय ने बताया कि ऐसे बच्चों में टमेटो फ्लू जैसे लक्षण दिख रहे हैं। क्योंकि बुखार होने पर मुंह और गले में छाले इस बीमारी के प्रमुख लक्षण हैं।
बच्चे यदि खाना पीना जारी रखता है तो उसे स्वस्थ होने में 8 से 10 दिन का समय लग रहा है और जो बच्चे खाना पीना छोड़ रहे हैं, वह कमजोर हो रहे। ऐसे में भर्ती करने की जरूरत पड़ रही है, और उन्हें स्वस्थ होने में लंबा समय लग रहा है। हालांकि लक्षण के आधार पर ही संक्रमित बच्चों को दवा दी जा रही है।
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ.योगेश गोयल ने बताया कि हाथ, पैर और मुंह में दाने पड़ने के कारण ही इस बीमारी को हेड फुट एंड माउथ डिजीज कहा जाता है। पिछले कुछ दिनों से इस बीमारी से पीड़ित बच्चों की संख्या बढ़ी है।
शरीर में दाने बेहद पीड़ा दायक होते हैं, बच्चों को दर्द से राहत दिलाने के लिए दर्द निवारक गोली तक देनी पड़ती है। बच्चो को अच्छी से अच्छी दवाएं दी जा रही है। दवाएं देने से बच्चे स्वस्थ हो जाते हैं।
हापुड़ सीएमओ डॉ.सुनील त्यागी- का कहना है की अस्पतालों में आने वाले बीमार बच्चों को हर संभव बेहतर इलाज दिया जा रहा है। बाल रोग विशेषज्ञों को समय समय पर ट्रेनिंग भी दिलायी जाती है। दवाओं से बच्चे ठीक हो रहे हैं।