जनपद हापुड़ के सिंभावली क्षेत्र के सिंभावली चीनी मिल में ट्रीटमेंट प्लांट होने के बाद भी दूषित पानी के कारण आसपास के क्षेत्र का भूजल भी दूषित हो रहा है। सिंभावली चीनी मिल में कहने के लिए तो ट्रीटमेंट प्लांट लगा हुआ है। उसके बावजूद भी आसपास के खेतों में फसल नहीं पनप पा रही है।
ग्रामीणों ने बताया कि रजवाहे और नालों से होता हुआ मिल का दूषित पानी गंगा तक पहुंच रहा है। जिससे गंगा नदी भी दूषित हो रही है। टीडीएस स्तर के बढ़ने के कारण आसपास के क्षेत्र का भूजल भी दूषित हो रहा है, पानी पीने योग्य नहीं है। जो स्थानीय लोगों के लिए गंभीर विषय है।
सिंभावली क्षेत्र से आबादी का दूषित पानी फुलडेहरा ड्रेन में अभी भी गिर रहा है। चीनी मिल का पानी भी इसी में मिल रहा है, जिससे आसपास का भूजल दूषित हो रहा है। आसपास के खेतों में फसलों की पैदावार भी नहीं हो रही है। टीडीएस का लेवल एक हजार से ऊपर पहुंच रहा है, जिससे आसपास के लोग आरओ के पानी पर निर्भर हैं।
सिंभावली क्षेत्र के आसपास के गांवों में हेपेटाइटिस सी के रोगियों की संख्याअधिक है, जो गंदे पानी से होने वाली बीमारियों से जूझ रहे हैं। स्थानीय अधिकारियों का इस संबंध में बिल्कुल भी ध्यान नहीं हैं। वैठ, बक्सर, खागौई, सैदपुरा, रझेटी, भोवापुर मस्ताननगर, खुडलिया समेत आसपास के गांवों की लाखों की आबादी दूषित पानी पीने को मजबूर है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड गाजियाबाद, क्षेत्रीय अधिकारी उत्सव शर्मा ने बताया की रूटीन जांच होती रहती है, यदि कोई शिकायत आती है, तो जांच कराई जाएगी। किसी भी सूरत में नाले और नदियों में दूषित पानी नहीं डलने दिया जाएगा। जांच करने के बाद कार्यवाही होगी।