जनपद हापुड़ के जिले में सोमवार को रुक रुककर बारिश हुई। जिससे तापमान में गिरावट है। हालांकि बारिश और आसमान में छाए बादलों ने सरसों उत्पादक किसानों की नींद उड़ा रखी है।
खेतों में कटी पड़ी सरसों की फसल, आम का बौर और आलू की खोदाई इस बारिश से प्रभावित हो रही है। शीतगृहों के बाहर सोमवार को किसानों के आलू भी भीग गए।
मौसम नहीं खुला तो किसानों को नुकसान होगा। फसलों के लिए बारिश ठीक नहीं है। बरसात और तेज हवाओं से गेहूं की फसल को भी खतरा है। इन दिनों खेतों में पानी की ज्यादा जरूरत नहीं है। क्यों कि गेहूं की बाली निकल चुकी हैं, अप्रैल में इसकी कटाई शुरू हो जाएगी। सरसों की फसल भी पककर तैयार हो चुकी है, खेतों में कटाई भी लग गई है। लेकिन बरसात होने के कारण मशीन खेतों से वापस लौट रही हैं।
बाजारों में सरसों की आवक भी घट गई है, मौसम वैज्ञानिक के अनुसार ओलावृष्टि की भी सम्भावना जताई जा रही हैं, यदि ओले पड़े तो किसानों को भारी नुकसान होगा। हालांकि कृषि विभाग के अधिकारियों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से जुड़े किसानों के लिए टोल फ्री नंबर जारी कर दिए हैं। आलू की खोदाई अंतिम चरण में हैं।
जिला कृषि अधिकारी मनोज कुमार- ने कहा की खेतों में सरसों, गेहूं की फसल तैयार हो रही है, ऐसे में बरसात इन फसलों को नुकसान पहुंचाएगी। किसान फसल क्षति की सूचना टोल फ्री नंबर या कार्यालय में आकर दे सकते हैं।