मौसम विभाग के अनुसार अगले तीन दिनों के दरम्यान प्रदेश में कहीं हल्की तो कहीं सामान्य बारिश होने का अनुमान जताया है। इस अवधि में राज्य के कुछ जिलों में बारिश के साथ -साथ ओले पड़ने की चेतावनी भी जारी की गई है।
उधर गुरुवार से शुक्रवार के बीच प्रदेश के कुछ अंचलों में तेज हवा के साथ बारिश होने से गेहूं की खड़ी फसल की बालियां खेत में गिर गई। सरसों की फलियों के दाने भी टूटकर बिखर गया। कृषि विभाग ने किसानों से खड़ी फसल में सिंचाई न करने को कहा है।
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार अगले 24 घंटों के दौरान कुशीनगर, प्रयागराज, सोनभद्र, मीरजापुर, संतरविदास नगर, बस्ती, सिद्धार्थनगर, गोण्डा, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, सीतापुर, बाराबंकी, सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत में ओले पड़ने की आशंका है।
मेरठ, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, अलीगढ़, मथुरा, हाथरस, आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, बिजनौर, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, व आसपास के इलाकों में तेज बारिश के साथ ओलावृष्टि भी हो सकती है।
पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के चलते गरज-चमक के साथ हल्की से सामान्य बारिश होने के आसार हैं।
जहां बारिश नहीं हुई और सरसों पक गई है, वहां फसल की कटाई तत्काल करने की सलाह दी गई है। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि यदि ओलावृष्टि हो गई गेहूं, सरसों आदि सभी फसलें ज्यादा प्रभावित हो जाएंगी। यदि फसल 15 से 20 फीसदी क्षतिग्रस्त हो गई हो तो मौसम साफ होने पर यूरिया की टॉप ड्रेसिंग करने की सलाह दी जाती है। यदि ज्यादा नुकसान हो तो जायद के लिए खेत तैयार करें।
इसके अलावा कटी फसल को पॉलीथिन से ढकने को कहा गया है। इस बारिश से मक्का, उर्द, मूंग में कम अंकुरण होगा। चना, मटर, मक्का और मूंगफली के खेतों में जल जमाव के कारण बीज विस्थापन के फलस्वरूप खराब अंकुरण हो सकता है। इसी तरह तेज हवाएं फसलों को प्रभावित करेंगी ।
जिन जगहों पर फसलों की कटाई जारी है। यदि वहा बारिश हुई तो नुकसान होगा। वाराणसी में हल्की बूंदाबांदी हुई पर यदि तेज बारिश हुई गेहूं, सरसों, आम को काफी नुकसान हो सकत है। उधर यदि बारिश तेज हो गई तो सभी सब्जियां प्रभावित होंगी।