जनपद हापुड़ में घुंघराला के जंगल में 50 मीटर विद्युत लाइन और 25 केवीए क्षमता का ट्रांसफार्मर बिना एस्टीमेट शिफ्ट कर दिए गए।
संबंधित अवर अभियंता ने अपनी गर्दन बचाने के लिए दो संविदा कर्मियों पर आरोप लगाते हुए अधिशासी अभियंता से इन कर्मचारियों को बाहर कराने के संबंध में कार्यदायी संस्था को पत्र लिखवा दिया। एसडीओ की जांच में दोष सिद्ध नहीं हो सका, जिसके बाद दोनों की उसी बिजलीघर पर बहाली भी हो गई।
इस खेल में सरकार को लाखों का चूना लगाकर, अब जांच को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। उबारपुर बिजलीघर के अवर अभियंता रविकांत गुप्ता ने अधिशासी अभियंता को लिखे पत्र में बताया कि 13 दिसंबर 2022 को उपकेंद्र से पोषित 11 केवी मीरपुर कृषि फीडर ग्राम महमदपुर व घुंघराला के जंगल में निरीक्षण के दौरान पाया गया कि संविदा कर्मी अबरार और तैय्यब ने एक किसान के जंगल में निजी नलकूप के लिए 50 मीटर विद्युत लाइन और 25 केवीए क्षमता का ट्रांसफार्मर बिना एस्टीमेट ही शिफ्ट कर दिया।
इसका संज्ञान लेकर अधिशासी अभियंता भूपेंद्र सिंह ने कार्यदायी संस्था को पत्र लिखकर दोनों संविदा कर्मियों को तत्काल प्रभाव से हटाकर, उनसे संबंधित खंड कार्यालय के अधीनस्थ आने वाले किसी भी उपकेंद्र पर इन दोनों की तैनाती न किए जाने के बारे में लिखा था, दोनों को बिजलीघर से हटा भी दिया।
अब मामले की जांच एसडीओ सुभाष चंद यादव को सौंपी, एसडीओ ने अपनी जांच में स्पष्ट कर दिया कि इन दोनों संविदा कर्मियों का शिफ्टिंग में हाथ नहीं था। एसडीओ की जांच में दोनों कर्मियों को क्लीन चिट मिली। जिसके बाद इन संविदा कर्मियों को उसी बिजलीघर पर बहाल कर दिया गया।
इस मामले में एक कर्मचारी ने चेयरमैन को पत्र प्रेषित किया है। उबारपुर बिजलीघर से जुड़े इस मामले में लाइन शिफ्टिंग किए जाने का प्रमाण मिला है, जिसकी पुष्टि अधिशासी अभियंता ने भी की है।
अधिशासी अभियंता भूपेंद्र सिंह- ने बताया की उबारपुर बिजलीघर से जुड़े क्षेत्र में लाइन शिफ्टिंग का मामला सामने आया था। प्रथम दृष्टया संविदा कर्मियों अबरार और तैय्यब को दोषी मानते हुए कार्यवाही की गई थी। लेकिन एसडीओ की जांच में दोष सिद्ध नहीं हो सका, इसलिए उनकी बहाली हुई।