जनपद हापुड़ में जिले मे वायरल बुखार के साथ टाइफाइड का प्रकोप बढ़ गया है। सरकारी और निजी अस्पतालों में ऐसे मरीजों की भरमार है।
फिजिशियन डॉ. प्रदीप मित्तल ने बताया कि वायरल के साथ ही मरीजों में टाइफाइड मिल रहा है, एक सप्ताह के अंदर ही मामले अधिक बढ़े हैं। साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया के कारण टाइफाइड होता है। दूषित भोजन और पानी से संक्रमण फैलता है। साथ ही टाइफाइड से पीड़ित किसी व्यक्ति के निकट संपर्क में आते हैं तो भी आपको यह रोग हो सकता है।
गढ़ रोड सीएचसी में एक सप्ताह के अंदर 180 से ज्यादा मरीजों की पुष्टि हुई है। प्राइवेट अस्पतालों की ओपीडी भी टाइफाइड के मरीजों से भरी हैं। सीएचसी हापुड़ की लैब में 60 फीसदी नमूने पॉजिटिव आए हैं। शरीर का तापमान अचानक 104 डिग्री तक पहुंचने से मरीज बेसुध हो रहे हैं। चक्कर और उल्टियों से मरीजों का बुरा हाल है।
एक सप्ताह में अंदर मरीजों में टाइफाइड की संख्या इतनी बढ़ गयी है। की चिकित्सक बुखार से पीड़ित जिन मरीजों का यह टेस्ट लिखते हैं उनमें करीब 60 फीसदी में टाइफाइड की पुष्टि हो रही है।आसपास के निजी अस्पतालों में ऐसे मरीज भरे हुए है।
मौसम में बदलाव और खान पान की दिनचर्या बदलने से पेट संक्रमण के मरीज भी बढ़ रहे हैं। सरकारी और निजी अस्पतालों में ऐसे मरीजों की संख्या बीते दो सप्ताह में डेढ़ गुना तक बढ़ गई है। टाइफाइड में मरीजों को एंटी बॉयोटिक दवाएं अधिक दी जा रही हैं, जिसके चलते इन दवाओं की डिमांड अब बढ़ रही है। इसके साथ ही कफ सीरप और एंटी एलर्जिक दवाओं की खपत भी काफी बढ़ गई है।
सीएचसी अधीक्षक डॉ. दिनेश खत्री- अस्पताल में आने वाले बुखार के हर मरीज की जांच कराई जा रही है। टाइफाइड़ अधिक मरीजों में मिल रहा है, ऐसे मरीजों को आवश्यक दवाएं दी जा रही हैं। वार्ड में भर्ती की भी व्यवस्था की गई है।