प्रधानमंत्री आवासीय योजना में ऊर्जीकरण के लिए एचपीडीए से जमा कराए 1.12 करोड़, उच्चधिकारियों तक पहुंचा मामला
जनपद हापुड़ के आनंद विहार में जिला सटे प्रधानमंत्री आवासीय योजना (शहरी) का ऊर्जीकरण करे बगैर ही ऊर्जा निगम के अधिकारियों ने जेई को निर्देशित कर, लंबी दूरी के कनेक्शन बांट दिए।
दिलचस्प बात यह है कि वर्ष 2019 में प्राधिकरण ने ऊर्जा निगम में ऊर्जीकरण को लेकर आवेदन किया था। इस पर तत्कालीन अवर अभियंता और संबंधित अधिकारियों ने एस्टीमेट बना दिया। लेकिन इस एस्टीमेट में कुछ खामियां रहीं, पर्याप्त सामग्री नहीं ली गई थी।
मामला प्रधानमंत्री की आवासीय योजना से जुड़ा है तब वर्ष 2022 में अफसरों की नींद टूटी।. दिसंबर 2022 में रिवाइज एस्टीमेट बना, मजे की बात यह है कि इसमें एस्टीमेट की लागत 1.12 करोड़ ही रहे, जो पहले एस्टीमेट में थी। लेकिन सामग्री बढ़ा दी गई, बहरहाल ढाई महीने बीत जाने के बाद भी ऊर्जा निगम की ओर से कोई टेंडर नहीं निकाला गया है।
पूरी कॉलोनी में उपभोक्ताओं को 90 से 100 मीटर दूरी के केबल कनेक्शन दिए गए हैं। प्रधानमंत्री आवासीय योजना में एक खंभे से करीब 60 से अधिक केबल जा रहे हैं, इनके भार से पोल टूटने की कगार पर है। लोगों की शिकायत पर जेई ने खंभे में लकड़ी का टुकड़ा अटकाकर, किसी तरह पोल को गिरने से बचाया है।
एस्टीमेट का करीब 1.12 करोड़ रुपये जमा करने के बावजूद आवासीय योजना का ऊर्जीकरण नहीं हो पाया। लेकिन प्राधिकरण के अधिकारियों को भी इसकी चिंता नहीं है। यही कारण है कि ऊर्जीकरण के कार्य में लगातार देरी की जा रही है।
बिजलीघर पर रखे हैं 18 लाख के तीन ट्रांसफार्मर : ऊर्जीकरण को लेकर आवासीय परिसर में तीन 400 केवी क्षमता के ट्रांसफार्मर लगाए जाने हैं, जिनकी कीमत करीब 18 लाख रुपये है, कई महीने से ये ट्रांसफार्मर आनंद विहार बिजलीघर पर ही रखे हैं। लेकिन अधिकारियों को इसकी कोई चिंता नहीं है।
ऊर्जीकरण पर उठते सवाल– पहली बार बना एस्टीमेट आखिर क्यों लागू नहीं हुआ।
तीन साल बाद दूसरा एस्टीमेट बनाने की जरूरत क्यों पड़ी।
एक तरफ लंबी दूरी के कनेक्शन पर अवर अभियंताओं से रिकवरी हो रही है, फिर यहां लंबी दूरी के कनेक्शन क्यों दिए गए।