जनपद हापुड़ में नवजात और पांच साल तक के बच्चों को सूखी खांसी परेशान कर रही है। निमोनिया से पीड़ित बच्चे भी इस बार आसानी से ठीक नहीं हो रहे, उन्हें बीमारी से उबरने में 20 से 25 दिन का समय लग रहा है।
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सचिन बंसल ने बताया कि इस बार बच्चों में निमोनिया और खांसी पहले की बीमारियों से अलग हैं। पहले एक या दो केस ही ऐसे आते थे, जब बच्चों का निमोनिया 15 दिन तक ठीक नहीं हो पाता था।
लेकिन इन दिनों 80 फीसदी से अधिक बच्चों में निमोनिया ठीक होने में 25 दिन तक का भी समय ले रहा है। उन्होंने बताया कि बच्चों की छाती में संक्रमण से उन्हें सूखी खांसी उठ रही है।
रात के समय खांसी ज्यादा उठती है, जिसके चलते बच्चे सो नहीं पा रहे हैं, जो कुछ खाते हैं खांसी के कारण उल्टी कर देते हैं। ओपीडी और वार्ड में ऐसे बच्चों की संख्या बीते एक महीने में बढ़ी है। पसलियां चलने से बच्चों को दर्द भी हो रहा है।
सांस लेने में परेशानी वाले बच्चों को दिन में दो से तीन बार नीबूलाइजर कराना पड़ रहा है। भाप भी दिलायी जा रही है, इसके अलावा लगातार दवाएं चलानी पड़ रही हैं।
कई बच्चों को हालत गंभीर होने पर रेफर भी करना पड़ा है। पेट का संक्रमण बच्चों में अब दिखने लगा है, जिसके चलते वह डायरिया की चपेट में हैं। उल्टी, दस्त 7 से बच्चों का बुरा हाल है।
लक्षण- सूखी खांसी होने से सांस में परेशानी।, पसलियां चलने से करहा रहे बच्चे।, निमोनिया के कारण सांस में आ रही परेशानी।, पेट संक्रमण के कारण उल्टी, दस्त की परेशानी। नाक बहना, कान में दर्द से बच्चे हो रहे परेशान।
इस तरह करें बचाव
सर्दी, गर्मी के सीधे संपर्क से बच्चों को बचाएं। सुबह, शाम पूरे कपड़े और कैप पहनाकर रखें। परेशानी होने पर चिकित्सक का परामर्श लें।