हापुड़। लखनऊ और गाजियाबाद में पालतू कुत्तों के हमले होने के बाद से लोग खूखार कुत्तों से घबराने लगे हैं। पालतू कुत्तों में कई खूंखार कुत्ते होते हैं जिनको लेकर अब आम जनता भी जागरुक हो गई है।
कुत्तों द्वारा होने वाले हमलों को लेकर लोग अब कुत्तों का पालने के लिए सावधानी बरतने को जानकारी लेने लगे हैं।
खूंखार कुत्तों के हमलों को लेकर लोग सजग हो रहे हैं। परंतु कुत्तों की वफादारी पर कोई प्रश्न चिंह लगाने को तैयार नहीं है।
कुत्तों के ट्रेनर से चिकित्सक और कुत्ते प्रेमी के अलावा पीड़ितों ने भी सावधानी बरतने पर अपनी अपनी राय देते हुए कहा कि हर कुत्ता खतरनाक नहीं होता है।
पशु पालन विभाग के चिकित्सक डॉ जितेंद्र गुप्ता कहते हैं सुबह कभी भी चेन के बिना नहीं घूमाना चाहिए। अगर कुत्ता खरनाक हो गया है तो नसबंदी करा देनी चाहिए।
एक ट्रेनर होना चाहिए, जिससे और जिसकी आवाज से वह डर जाता हो। जैसे बच्चे पापा से नहीं डरते और मास्टर से डरते हैं। उसी तरह कुत्ता भी ट्रेनर से डरता है।
इन बातों का रखें ध्यान
सुबह के समय मॉर्निंग वॉक पर खुले कुत्ते के पास न जाए, कुत्ते को घुमाते समय खोलना नहीं चाहिए, कुत्ते को कच्चा मीट नहीं खिलाना चाहिए, कुत्ते को कच्चा अंडा भी नहीं खिलाना चाहिए, कुत्ते के वैक्सीनेशन पूरा होना चाहिए, ठंडे देश की नस्ल वाले कुत्तों को सही तापमान में रखना चाहिए।
कुत्तों का शौकीन सुनील चौधरी कहते हैं कि यदा कदा कोई घटना कुत्ता कर देता हैं परंतु खूंखार नस्ल वाले कुत्तों के लिए उनके मालिकों को ध्यान देना चाहिए। कुत्ता वफादार होता है जो मालिकों के लिए अपनी जान दे देते हैं।