➤ पॉक्सो अदालत ने सुनाया फैसला, पीड़िता को मिलेगा प्रतिकर
हापुड़। पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज एक मामले में अपर सत्र न्यायाधीश / विशेष न्यायाधीश ज्ञानेंद्र सिंह यादव की अदालत ने मंगलवार को नाबालिग से छेड़छाड़ के दोषी को तीन साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही अदालत ने ₹5,000 का जुर्माना भी लगाया है।
📅 घटना: 21 अक्टूबर 2018
घटना नगर क्षेत्र की है। 21 अक्टूबर 2018 को एक व्यक्ति ने कोतवाली में तहरीर देकर बताया कि वह अपनी पत्नी के साथ गोशाला में काम करने गया था। घर पर उसकी 13 वर्षीय पुत्री अकेली थी। इस दौरान गोशाला में काम करने वाला व्यक्ति त्रिभुवन (निवासी-गौड़ी, लखीमपुर खीरी) घर में घुस आया और उसने नाबालिग के साथ छेड़छाड़ की।
जब बच्ची ने विरोध किया तो आरोपी ने गाली-गलौज और अभद्रता की। शोर मचाने पर जब आसपास के लोग मौके पर पहुंचे, तो आरोपी पीड़िता को जान से मारने की धमकी देकर मौके से फरार हो गया।
👮 गिरफ्तारी व कानूनी कार्यवाही
घटना के तुरंत बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। चार्जशीट दाखिल होने के बाद मामला विशेष अदालत में चला।
🏛️ न्यायालय का फैसला
मंगलवार को दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) ने आरोपी त्रिभुवन को दोषी करार देते हुए:
- तीन वर्ष का सश्रम कारावास
- ₹5,000 का अर्थदंड
की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
अदालत ने यह भी आदेश दिया कि अर्थदंड की पूरी राशि पीड़िता को प्रतिकर स्वरूप दी जाए।
🤝 पीड़िता को आर्थिक सहायता
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA) ने पीड़िता को ₹25,000 की सहायता राशि देने का निर्णय लिया है, जो पुनर्वास और मानसिक संबल के उद्देश्य से प्रदान की जाएगी।