84,785 जन धन खाते निष्क्रिय, केवल 75% खाते सक्रिय
हापुड़ | प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) के तहत हापुड़ जिले में अब तक कुल 3,34,539 बैंक खाते खोले गए हैं। लेकिन हाल ही में सामने आई जून 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, इन खातों में से 84,785 खाते निष्क्रिय हैं — यानी इन खातों में या तो वर्षों से कोई लेनदेन नहीं हुआ है या फिर इनका बैलेंस पूरी तरह शून्य है।
इनमें से लगभग 49,000 खाते ऐसे हैं, जिनमें कई सालों से कोई गतिविधि नहीं हुई, और खातों में एक भी रुपया नहीं बचा है।
📊 जन धन खातों की स्थिति (हापुड़):
विवरण | संख्या |
---|---|
कुल खोले गए जन धन खाते | 3,34,539 |
सक्रिय खाते | 2,49,754 |
निष्क्रिय खाते (कुल) | 84,785 |
निष्क्रिय व शून्य बैलेंस वाले खाते | ~49,000 |
कुल जमा राशि (सक्रिय खातों में) | ₹178.14 करोड़ |
❗ निष्क्रिय खातों पर RBI नियम क्या कहते हैं?
रिजर्व बैंक के नियमानुसार, यदि किसी चालू या बचत खाते में दो वर्ष तक कोई लेनदेन नहीं होता, तो उसे निष्क्रिय (Dormant Account) मान लिया जाता है। ऐसे खातों को स्थायी रूप से बंद भी किया जा सकता है, यदि ग्राहक से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलती।
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🎯 योजना का उद्देश्य और स्थिति:
प्रधानमंत्री जन धन योजना, 15 अगस्त 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई थी, जिसका मुख्य उद्देश्य था:
- आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को बैंकिंग प्रणाली से जोड़ना
- सरकारी योजनाओं का लाभ डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से सीधे बैंक खातों में पहुंचाना
हालांकि, 70% जन धन खाते सरकारी बैंकों में खुले हैं, लेकिन बड़ी संख्या में निष्क्रिय खातों का सामने आना प्रणाली में सुधार और जन-जागरूकता की आवश्यकता को दर्शाता है।
🗣️ प्रशासन की तैयारी:
“अब बैंकों द्वारा गांवों में शिविर लगाकर न केवल नए खाते खोले जा रहे हैं, बल्कि पुराने निष्क्रिय खातों को भी सक्रिय कराने का प्रयास किया जा रहा है। जिससे कि लाभार्थी DBT के माध्यम से योजना का लाभ ले सकें।”
— राजीव गुप्ता, लीड बैंक मैनेजर, हापुड़