गढ़मुक्तेश्वर | गंगा नदी के उफान से गढ़मुक्तेश्वर क्षेत्र के खादर इलाके के खेत जलमग्न हो गए हैं। खेतों में भरा तीन से चार फीट तक बाढ़ का पानी अब धान, गन्ना, चारा और सब्जियों की फसलों को बर्बादी की कगार पर ले जा रहा है।
किसानों का कहना है कि लगातार कई दिनों से जलभराव के कारण फसलें गलने लगी हैं। ग्रामीणों को अब बीमारी और चारे की भी दोहरी मार झेलनी पड़ रही है।
🌀 बाढ़ के कारण बिगड़े हालात:
- खेतों में 3–4 फीट तक पानी जमा
- हरी सब्जियां, चारा, धान और गन्ना सबसे ज्यादा प्रभावित
- गर्म पानी में फसलें तेजी से सड़ रही हैं
- मच्छर और मक्खियों के प्रकोप से संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ा
- चारा लाने के लिए किसानों को 20 मील तक घूमना पड़ रहा
🏥 प्रशासन की तैयारी:
एसडीएम श्रीराम यादव ने बताया कि बाढ़ से प्रभावित गांवों में:
- पशुओं के लिए चारा और ग्रामीणों के लिए खाद्य सामग्री वितरित कराई जा रही है
- स्वास्थ्य विभाग की टीमें जल्द ही बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिविर लगाएंगी
- फसल क्षति का सर्वे कराकर किसानों को मुआवजा दिलाने की प्रक्रिया शुरू होगी