📍 गढ़मुक्तेश्वर, हापुड़ | नोएडा और बिहार एसटीएफ तथा सिंभावली पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गए बिहार के मोस्ट वांटेड बदमाश डबलू यादव के मामले में मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश जारी किए गए हैं। जिलाधिकारी अभिषेक पांडेय ने इसकी जांच के लिए गढ़ एसडीएम अंकित कुमार वर्मा को नियुक्त किया है।
🔫 कब और कैसे हुई मुठभेड़?
घटना 27 जुलाई की देर रात की है, जब सिंभावली क्षेत्र के गांव बड्ढा के जंगल से होकर निकल रही नहर के पुल के पास नोएडा व बिहार एसटीएफ और सिंभावली पुलिस की संयुक्त टीम की दो बदमाशों से मुठभेड़ हो गई।
50 हजार रुपये का इनामी डबलू यादव, जो कि बिहार का मोस्ट वांटेड अपराधी था, पीठ में गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गया। उसका दूसरा साथी अंधेरे का लाभ उठाकर फरार हो गया। घायल डबलू यादव को अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
🕵️ मजिस्ट्रेटी जांच के निर्देश
मुठभेड़ की पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए जिलाधिकारी ने मामले की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए हैं। एसडीएम अंकित कुमार वर्मा को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है।
📢 जनसुनवाई की अपील
एसडीएम ने बताया कि:
“मुठभेड़ से संबंधित किसी भी व्यक्ति के पास कोई साक्ष्य (ऑडियो, वीडियो या अन्य दस्तावेज) हैं, तो वे 14 अगस्त 2025 तक किसी भी कार्य दिवस में उनके समक्ष प्रस्तुत होकर अपना पक्ष रख सकते हैं।”
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📌 संदिग्ध मुठभेड़ मामलों में जांच क्यों होती है?
ऐसे मामलों में मजिस्ट्रेटी जांच यह सुनिश्चित करती है कि मुठभेड़ वास्तविक थी या नहीं, और इसमें कोई मानवाधिकार उल्लंघन तो नहीं हुआ। इससे पुलिस की जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित की जाती है।