हापुड़। जिले में हेपेटाइटिस के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है। पिछले तीन महीनों में 250 मरीज जिला अस्पताल पहुंचे हैं, जिनमें 90 प्रतिशत से अधिक मरीज हेपेटाइटिस-सी (काला पीलिया) से पीड़ित पाए गए हैं। अस्पताल में इनका उपचार जारी है, और सभी मरीजों को तीन महीने तक नियमित दवा लेनी होगी।
🧪 क्यों हो रहा है काला पीलिया का खतरा बढ़ा?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि दूषित भोजन और पानी, संक्रमित रेज़र व ब्रश का इस्तेमाल, और असुरक्षित यौन संबंधों के चलते खासकर युवा वर्ग इस बीमारी की चपेट में आ रहा है। हेपेटाइटिस एक वायरल संक्रमण है, जिसमें लिवर में सूजन आ जाती है। समय पर इलाज न मिलने पर यह स्थिति गंभीर हो सकती है।
🏥 जिला अस्पताल बना नोडल सेंटर
जिला अस्पताल को हेपेटाइटिस के इलाज के लिए नोडल सेंटर घोषित किया गया है। अस्पताल प्रशासन के अनुसार, वर्तमान में करीब 250 मरीजों का इलाज चल रहा है। इनमें से अधिकांश को हेपेटाइटिस-सी है, जिसे आमतौर पर ‘काला पीलिया’ भी कहा जाता है।
⚠️ सावधानी है जरूरी
स्वास्थ्य विभाग ने आम जनता से अपील की है कि:
- केवल साफ पानी का सेवन करें
- किसी और के रेजर या टूथब्रश का इस्तेमाल न करें
- असुरक्षित यौन संबंध से बचें
- समय-समय पर लिवर फंक्शन की जांच कराएं
🗣️ विशेषज्ञों की राय:
“हेपेटाइटिस-सी एक गंभीर लेकिन इलाज योग्य बीमारी है, बशर्ते समय रहते इसका पता चल जाए और इलाज शुरू हो जाए।”
– चिकित्सा अधिकारी, जिला अस्पताल
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